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उत्तर कोरिया के नेता किम ने देश की परमाणु युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाने का किया संकल्प

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अमेरिका की सरजमीं पर हमला करने के लिए बनाई गई नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दूसरे परीक्षण का निरीक्षण किया तथा देश की परमाणु युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाने का संकल्प लिया। सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
किम के बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका द्वारा अपने सहयोगी दक्षिण कोरिया के प्रति सुरक्षा प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए हाल में उठाये गये कदमों के जवाब में उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार का विस्तार करने के लिए हथियार परीक्षण गतिविधियां तेज करेगा।
बृहस्पतिवार को एक प्रकार से उत्तर कोरिया के खिलाफ अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप में संयुक्त वायुसेना अभ्यास के दौरान अपने और दक्षिण कोरिया के जंगी विमानों के साथ परमाणु क्षमता वाले बी-52 बम वर्षक विमान को उड़ाया।

कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा, ‘‘ (किम ने) एक बार फिर स्पष्ट किया कि और विकसित, प्रभावी एवं भरोसेमंद हथियार प्रणाली के विकास को लगातार तेज करने के (उत्तर कोरिया के) रणनीतिक रूख और नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा।’’
किम ने कहा कि चूंकि शत्रुतापूर्ण ताकतों द्वारा हर समय कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा माहौल पर गंभीर खतरा उत्पन्न किया जा रहा है, इसलिए उत्तर कोरिया देश की परमाणु प्रतिरोधकता को बढ़ाने के लिए बाध्य है।
केसीएनए ने बुधवार को उत्तर कोरिया द्वारा ह्वासोंग-18 आईसीबीएम के सफल प्रक्षेपण की पुष्टि करने के एक दिन बाद किम का बयान साझा किया। ह्वासोंग-18 आईसीबीएम का पहला परीक्षण अप्रैल में किया गया था।

किम ने इसे अपनी परमाणु शक्ति का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया है।
केसीएनए के अनुसार, प्रक्षेपण का मकसद मिसाइल की तकनीकी विश्वसनीयता और परिचालन विश्वसनीयता की पुष्टि करना था। किम ने इस प्रक्षेपण को उत्तर कोरिया की रणनीतिक ताकतों को बढ़ावा देने के प्रयासों की दिशा में ‘‘एक और महत्वपूर्ण कदम’’ करार दिया है।
दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने इस परीक्षण को लेकन उत्तर कोरिया की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शांति पर खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एडम होडगे ने एक बयान में कहा कि अमेरिका अपनी , दक्षिण कोरिया एवं जापान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठायेगा।
अमेरिका, अल्बानिया, फ्रांस, जापान, माल्टा और ब्रिटेन के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आईसीबीएम के प्रक्षेपण पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार दोपहर खुली बैठक करेगी।

बुधवार का प्रक्षेपण सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है जिनमें बैलेस्टिक प्रौद्योगिकी वाले प्रक्षेपण करने पर उत्तर कोरिया पर रोक है।
लेकिन यह अस्पष्ट है कि सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया पर नये प्रतिबंध लगा सकता है या नहीं है क्योंकि वीटो अधिकार वाले स्थायी सदस्यों चीन और रूस ने उत्तर कोरिया के हाल के अन्य बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षणों के समय पहले अमेरिका एवं अन्य प्रयासों को विफल कर दिया था।
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया की किसी भड़काऊपूर्ण कार्यवाही का सामना करने के लिए वह पूरी तरह तैयार है।

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