19 जनवरी को गाजा में युद्ध विराम लागू हुआ और गाजा पट्टी के एक मोर्चे पर लड़ाई रुक गई। लेकिन उसके ठीक दो दिन बाद इजरायल ने फिलिस्तीन के दूसरे हिस्से में एक नया मोर्चा खोल दिया। 21 जनवरी को इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक के एक रिफ्यूजी कैंप में अपना ऑपरेशन आयरन वॉल शुरू किया। एक तरफ गाजा में लोग टूटे फूटे ही सही लेकिन अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। दूसरी तरफ राफा से सुरक्षित ठिकानों की तरफ जाने के अवसर तलाशे जाने लगे हैं। वहीं तमाम कवायदों के बीच अब खबर आई है कि वेस्ट बैंक में तुल्कर्म के पास नूर शम्स शिविर पर एक इजरायली ड्रोन हमले में हमास के आतंकवादी विंग, क़सम ब्रिगेड के दो सदस्य मारे गए। दोनों की पहचान इहाब अबू अत्तिया और रमेज़ अल-डुमैरी के रूप में की गई।
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हमास ने अत्तिया को तुल्कर्म में क़सम ब्रिगेड के कमांडर और अल-डुमैरी को एक लड़ाकू के रूप में वर्णित किया। आईडीएफ ने कहा कि अत्तिया तुल्कर्म में हमास के सैन्य अभियानों का प्रमुख था और वह इजरायलियों के खिलाफ कई हमलों में शामिल था, जिसमें 16 जुलाई को तुल्कर्म के पूर्व में एक गांव रामिन में एक वाहन पर गोलीबारी भी शामिल थी, जिसमें तीन इजरायली नागरिक घायल हो गए थे। फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा संचालित समाचार एजेंसी वफ़ा के अनुसार, आईडीएफ के हमले में कम से कम तीन नागरिक भी घायल हो गए, जिसमें हमास के आतंकवादी मारे गए। तुल्कर्म के गवर्नर अब्दुल्ला कामिल के अनुसार, जिन्होंने मानवाधिकार संगठनों से मदद मांगी, हमले के बाद, इजरायली जमीनी बलों ने तुल्कर्म में छापे मारे, जिसमें दो अस्पतालों की नाकाबंदी और बुनियादी ढांचे पर बुलडोजर शामिल था।
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7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले से यह जंग शुरू हुई। इसमें 1,200 इजरायली मारे गए और 250 बंधक बना लिए गए। इजरायली ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पर हमला किया जिसमे अब तक 46,900 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं 20 लाख से ज्यादा बेघर हुए और 50 हजार से ज्यादा बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार है। हमास ने इजराइल की 4 महिला सैनिकों को रिहा कर दिया है। इसके बदले इजराइल ने भी 200 फिलिस्तीनियों को छोड़ दिया है। हालांकि कहा जा रहा है कि ये फैसला इजरायल को काफी मंहगा पड़ा है।