नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) इन दिनों यूएफओ को लेकर रिसर्च में जुटी है। रिसर्च को शुरू करने के एक साल बाद नासा ने पहली बार बैठक की। इस दौरान 16-सदस्यीय निकाय ने अपना-अपना एक्सपीरियंस शेयर किया। पिछले जून में अवर्गीकृत यूएफओ देखे जाने की जांच करने के लिए गठित किया गया था। प्रारंभिक टिप्पणी के दौरान पैनल के अध्यक्ष डेविड स्पार्गेल ने कहा कि अगर मुझे एक पंक्ति में संक्षेप में बताना है जो मुझे लगता है कि हमने सीखा है, तो यह है कि हमें उच्च गुणवत्ता वाले डेटा की आवश्यकता है।
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नासा की विज्ञान इकाई के एक वरिष्ठ शोध अधिकारी डैन इवांस ने कहा कि टीम के पास आगे कई महीने का काम है। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने अपना काम शुरू किया है तब से पैनल के सदस्यों को ऑनलाइन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। नासा ने कहा कि वाशिंगटन में एजेंसी के मुख्यालय में चार घंटे के सार्वजनिक सत्र का फोकस टीम द्वारा एक रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले “अंतिम विचार-विमर्श” करना था। इस रिपोर्ट को जुलाई के अंत तक जारी करने की योजना बनाई गई है।
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अनआइडेंटिफाइिंग फ्लाइिंग ऑबजक्ट यानी यूएफओ की जांच करने वाले नासा के पैनल ने कहा कि उन्होंने 800 से अधिक मामलों की जांच की है। वे ये पता लगाने की कोशिश में लगे हैं कि क्या पृथ्वी के बाहर भी जीवन मौजूद है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नासा के ऑल डोमेन एनोमली रेडोल्यूशन ऑफिस के डायरेक्टर सीन किर्कपैट्रिक ने कहा कि हमारे पास हर महीने 50 से 100 नई रिपोर्ट आती है। लेकिन इनमें से अजीब दिखने वाले मामलों की बात करें तो वे कुल डेटाबेस का 2 से 5 प्रतिशत ही है।