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शांति के लिए पाकिस्तान के प्रयासों को कमजोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए: Pak Army Chief

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को कहा कि सशस्त्र बल देश की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं और शांति के प्रयासों को कभी भी कमजोरी के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
मुनीर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद जिले में पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) काकुल में कैडेट की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में तथा अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘शांति के लिए हमारे प्रयासों को कभी भी कमजोरी के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’’

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे पास अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की इच्छा और क्षमता है, और ऐसा किस तरह किया जाए, इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं।’’
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल अगली पीढ़ियों के भविष्य को स्थिर, सुरक्षितकरने के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे। मुनीर ने कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि हम अपनी पवित्र मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान देने में कभी नहीं हिचकिचाएंगे।’’
मुनीर की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब कुछ दिन पहले वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने एक टीवी शो में दावा किया कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने 2021 में 20-25 पत्रकारों के साथ एक बैठक में कहा था कि ‘‘पाकिस्तानी सेना मुकाबला करने में सक्षम नहीं है।’’

मीर के मुताबिक बैठक में बाजवा ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है।
‘जियो न्यूज’ के अनुसार जनरल मुनीर ने भारत की तुलना में पाकिस्तान के संसाधनों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कुरान की आयतों उल्लेख किया कि जीत के लिए संख्या पर्याप्त नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिक अपने प्रतिद्वंद्वियों की संख्या या संसाधनों से प्रभावित नहीं होते हैं।’’

अफगानिस्तान के बारे में मुनीर ने कहा कि काबुल में स्थिरता, सुरक्षा और शांति पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं और कहा कि इस क्षेत्र में शांति लाने के प्रयास जारी रहेंगे।
कश्मीर के बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मजबूती से कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने कश्मीरी भाइयों को राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देना जारी रखेंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह महसूस करना चाहिए कि कश्मीर मुद्दे के न्यायोचित और शांतिपूर्ण समाधान के बिना, क्षेत्रीय शांति कायम नहीं हो सकती।

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