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बदनाम करने वाले अभियान को लेकर पाकिस्तानी सेना का धैर्य असीम नहीं हो सकता

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले बुधवार को आगाह किया कि सेना को बदनाम करने के लिए जो अभियान जारी है, उसे लेकर सेना का धैर्य असीम नहीं हो सकता। उन्होंने नेताओं से अपने अहंकार को दूर रखने, अतीत की गलतियों से सीखने और आगे बढ़ने का आग्रह किया।
बाजवा ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि पिछली सरकार को गिराने में विदेशी साजिश थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर ऐसी साजिश होती भी तो सेना इसे अंजाम तक नहीं पहुंचने देती।

बाजवा (61)29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्हें 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था।उन्होंने एक और विस्तार की इच्छा से इनकार किया है।
जनरल बाजवा ने रावलपिंडी में रक्षा एवं शहीद दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सेना को निशाना बनाने वालों को भी शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “मैं इसे भूलकर आगे बढ़ना चाहता हूं।” बाजवा ने सभी हितधारकों से पिछली गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने का आग्रह किया।

देश में रक्षा एवं शहीद दिवस 6 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन इस बार आई भीषण बाढ़ के कारण इस साल आयोजन में देरी हुई है।
उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई विदेशी साजिश नहीं थी, अगर ऐसी साजिश होती भी तो सेना इसे अंजाम तक पहुंचने नहीं देती।”
उन्होंने कहा कि सेना की छवि खराब करने के लिए झूठी और मनगढ़ंत कहानियां गढ़ी गईं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था।

इसके बाद खान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान को लेकर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण उन्हें निशाना बनाते हुए अमेरिका की अगुवाई में साजिश रची गई थी।
बाजवा ने कहा कि सेना बदनाम करने वाले अभियान के तहत (कड़ी) आलोचनाओं का जवाब दे सकती थी, लेकिन उसने धैर्य दिखाया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस धैर्य की भी कोई सीमा है।

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