भारत के बंटवारे से बने पाकिस्तान में आज इस्लामिक कायदे-कानूनों की वजह से अन्य धर्मों के लोगों का चैन से जीना मुश्किल हो गया है। वहां हिंदू, बौद्ध और ईसाईयों के अधिकार मुसलमानों से कम हो रहे हैं। अब पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) ने विश्वविद्यालयों में होली मनाने पर रोक लगा दी है। एचईसी का आदेश कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा 12 जून को परिसर में होली मनाने और घटना के वीडियो वायरल होने के कुछ दिनों बाद आया है। एक नोटिस में आयोग ने कहा कि सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करने के लिए छात्रों को इस त्योहार का पालन करने से मना किया गया है।
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इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग होने का चित्रण करती हैं और यह देश की इस्लामी पहचान का क्षरण है। हालांकि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है। नोटिस में कहा गया कि छात्रों को निस्वार्थ निहित स्वार्थों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है जो परोपकारी आलोचनात्मक सोच प्रतिमान से दूर अपने स्वयं के सिरों के लिए उनका उपयोग करते हैं।
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छात्रों को इस तरह के आयोजनों से खुद को दूर रखने की सलाह देते हुए आयोग ने कहा कि पूर्व में यह सलाह दी जाती है कि एचईएल ऐसी सभी गतिविधियों से दूर रहें जो स्पष्ट रूप से देश की पहचान और सामाजिक मूल्यों के साथ असंगत हैं, जबकि यह सुनिश्चित करते हुए कि वे सख्ती से संलग्न हैं।