एक गैर-लाभकारी फाउंडेशन द्वारा बृहस्पतिवार को यहां भगत सिंह की 116वीं जयंती मनाई गई और विभाजन-पूर्व के दौर के क्रांतिकारी को पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार दिए जाने की मांग की गई।
भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के परिसर में स्वतंत्रता सेनानी की जयंती मनाई और अदालत के उद्यान में इस मौके पर केक भी काटा गया।
समारोह में फाउंडेशन के सदस्यों और अन्य वकीलों ने भाग लिया।
इस अवसर पर भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के पाकिस्तान प्रमुख, एडवोकेट इम्तियाज राशिद कुरेशी ने स्वतंत्रता संग्राम के नायक को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भगत सिंह को 1931 में अंग्रेजों द्वारा उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी गई थी।
फाउंडेशन ने सिंह के लिए देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार की मांग की। इसमें तीन स्वतंत्रता सेनानियों की न्यायिक हत्या के लिए ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय से माफी और उनके परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई।
इसने पाकिस्तानी सरकार से लाहौर के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की भी मांग की, क्योंकि तीनों को वहीं फांसी दी गई थी।
फाउंडेशन ने कहा कि तीनों क्रांतिकारियों और उनकी वीरता के कृत्य को भी स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
भगत सिंह को 1931 में 23 साल की उम्र में अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी।