पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर है। यही नहीं पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार का खाता भी खाली होने वाला है। लोगों में दाने-दाने को लेकर मारामारी मची हुई है। लेकिन दूसरी ओर सभी देशों को पाकिस्तान के परमाणु बमों को लेकर चिंता सता रही है। अगर पाकिस्तान एक मुल्क के रूप में विफल हुआ और वहां आतंकवादी संगठनों ने पैर पसारे तो बड़े पैमाने पर विनाशकारी हथियार गलत हाथों में जा सकता है। ये डर पूरी दुनिया का है क्योंकि पाकिस्तान एक कट्टरपंथी देश है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता परमाणु बम को लेकर इरादे बता रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: दिन-ब-दिन पाकिस्तान के लिए नासूर बनता जा रहा है TTP, पेशावर की मस्जिद के बाद अब पुलिस स्टेशन पर किया जबरदस्त अटैक
वीडियो में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का नेता साद रिजवी जो कहता नजर आ रहा है वो और भी खतरनाक है। रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन और नीदरलैंड में कुरान जलाने के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए साद रिजवी ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने कमजोर प्रतिक्रिया दी, उन्हें सबक सिखाने में नाकाम रही। वे प्रधानमंत्री (शहबाज शरीफ), उनकी पूरी कैबिनेट और सेनाध्यक्ष को दूसरे देशों में आर्थिक मदद की भीख मांगने के लिए भेज रहे हैं… मैं पूछता हूं कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था खतरे में है… इसके बजाय मैं उन्हें सलाह देता हूं कि एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में एटम बम का सूटकेस लेकर कैबिनेट को स्वीडन ले जाएं और कहें कि हम कुरान की सुरक्षा के लिए आए हैं। अगर यह पूरी कायनात आपके कदमों के नीचे नहीं आती है, तो आप मेरा नाम बदल सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: Pakistan: कराची में एक और अहमदी मस्जिद पर हमला, तहरीक-ए-लब्बैक सदस्यों पर शक
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि सरकार को राष्ट्रों के साथ चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है और पाकिस्तान उन्हें धमकियों के माध्यम से मजबूर कर सकता है। रिजवी की रैली लाहौर में आयोजित की गई थी और एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कम से कम 12,000 लोग शामिल हुए थे। पिछले महीने स्टॉकहोम में तुर्की और स्वीडन के नाटो में शामिल होने की कोशिश के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था, जिसमें कुरान की एक प्रति जलाना भी शामिल था। डेनिश दूर-दराज़ राजनीतिक दल हार्ड लाइन के नेता रैसमस पलुदान ने पहले स्टॉकहोम, स्वीडन में तुर्की के दूतावास के सामने कुरान की एक प्रति जलाई थी।