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Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan और China के संबंध बिगड़े, कंगाली के समय बीजिंग से मदद नहीं मिलने से बौखलाया इस्लामाबाद

पाकिस्तान और चीन के रिश्ते बिगड़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की चीन खुद भी कोई मदद नहीं कर रहा साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी किसी प्रकार की मदद दिलाने में सहयोग नहीं कर रहा। उल्टा चीन ऐसे कठिन समय पर पाकिस्तान को मैसेज भेज भेज कर अपने कर्ज को लौटाने की याद दिला रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पिछले साल जब चीन दौरे पर गये थे तो उन्हें उम्मीद थी कि कुछ पैसा और उधार मिल जायेगा लेकिन चीन ने पैसा देने की जगह पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का फरमान सुना दिया। बीजिंग से मुंह लटकाये इस्लामाबाद लौटे शहबाज शरीफ ने जब यह बात अपने सहयोगियों को बताई थी तो सभी हक्के-बक्के रह गये थे क्योंकि अमेरिका ने भले डॉलर भेजने बंद कर दिये थे लेकिन पाकिस्तानियों को उम्मीद थी कि ड्रैगन मदद देना बंद नहीं करेगा। लेकिन ड्रैगन ने अपना रुख बदला है। उसने पाकिस्तान को पैसे देने भी बंद कर दिये और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसका सहयोग भी अब पहले जैसा नहीं रहा है। हाल ही में जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया तो वह चीन के अप्रत्यक्ष सहयोग से ही संभव हो पाया था।
दोस्त चीन की यह हरकत देखकर पाकिस्तान आग बबूला हो गया है। चीन को संदेश देने के लिए पाकिस्तान ने अपने वर्तमान खराब हालात का हवाला देते हुए चीनी नागरिकों को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया है। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच प्रांत में रहने वाले चीनी नागरिकों से कहा है कि वह उन सभी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी और इसके लिए उन्हें निजी सुरक्षा कंपनियों की सेवा लेनी चाहिए। पेशावर शहर के पुलिस लाइंस क्षेत्र में एक मस्जिद में हुए घातक आतंकी हमले के कुछ दिन बाद पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने यह निर्देश जारी किया है।

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हालांकि, पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह प्रांत में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) और सरकार से संबंधित अन्य परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना जारी रखेगी। हम आपको बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें सरकारी और निजी दोनों परियोजनाओं के लिए देश में रह रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया है। इसलिए चीन पाकिस्तान के अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले अपने नागरिकों को पुख्ता सुरक्षा प्रदान करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालता रहा है।
उधर, पाकिस्तान के आर्थिक हालात की बात करें तो आपको बता दें कि गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर लुढ़क गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा है कि इस समय देश में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर है। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि यह विदेशी मुद्रा पाकिस्तान की सिर्फ तीन हफ्तों की आयात जरूरतों को ही पूरा कर सकता है। इस बीच, पाकिस्तान में महंगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है जिससे आम लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है। खासकर पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई के चलते बसों और अन्य वाहनों के पहिये थम गये हैं।

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