पाकिस्तान की पंजाब प्रांत सरकार ने भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ‘वाघा संयुक्त चेक पोस्ट विस्तार परियोजना’ औपचारिक रूप से शुरू की है। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार, इस परियोजना का लक्ष्य बैठने की क्षमता को 8,000 से बढ़ाकर 24,000 करना है। परियोजना की लागत PKR 3 बिलियन है और इसके पूरा होने की समय सीमा दिसंबर 2025 है। कथित तौर पर यह परियोजना भारतीय पक्ष की बैठने की क्षमता से मेल खाने के लिए शुरू की गई है। पंजाब सरकार के अधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट पर फरवरी में हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन जमीन पर काम अब तेज हो गया है। बैठने की क्षमता के अलावा, उन्होंने कहा कि एक अत्याधुनिक ऐतिहासिक संग्रहालय जो इतिहास को प्रदर्शित करता है। वाघा सीमा पर वीवीआईपी के लिए वेटिंग लाउंज और ग्रीन रूम का भी निर्माण किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को भी उन्नत किया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि बैठक क्षमता को मौजूदा 8,000 से बढ़ाकर 24,000 करने का लक्ष्य है। इस परियोजना की लागत तीन अरब पाकिस्तानी रुपये है और इसके पूरा होने की समय सीमा दिसंबर 2025 है। कथित तौर पर इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय पक्ष की ओर दर्शकों की बैठक क्षमता के अनुरूप विस्तार करना है।
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पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना पर फरवरी में हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर अब काम तेज हो गया है। उन्होंने बताया कि बैठक क्षमता के अलावा, वाघा सीमा के इतिहास को दर्शाने वाला एक अत्याधुनिक ऐतिहासिक संग्रहालय, वीवीआईपी के लिए प्रतीक्षालय और ‘हरित कक्ष’ भी बनाए जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था और भी चाक-चौबंद की जाएगी। परियोजना के तहत, दुनिया के पांचवें सबसे ऊंचे ध्वजस्तंभ की ऊंचाई 115 मीटर से बढ़ाकर 135 मीटर की जाएगी, जिससे यह दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा ध्वजस्तंभ बन जाएगा।