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पाकिस्तान: सिंध प्रांत में अपहरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर पुलिस का लाठीचार्ज, कई घायल

पाकिस्तान के हिंदू समुदाय और अन्य धर्मों के कई सदस्य बृहस्पतिवार को उस समय घायल हो गए जब सिंध प्रांत में पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी फिरौती के लिए हिंदू व्यापारियों और अल्पसंख्यक समुदायों के अन्य लोगों के अपहरण के बढ़ते मामलों के खिलाफ धरना दे रहे थे।
सिंध प्रांत के काशमोर में नदी क्षेत्रों में डाकुओं द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्यों के अपहरण को लेकर समुदाय के सदस्य एक सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को भी अपना धरना जारी रखा। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के एक प्रभावशाली नेता के हस्तक्षेप के बावजूद प्रदर्शनकारियों के धरना समाप्त करने से इनकार करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे कुछ लोग घायल हो गए।

समुदाय के सदस्य शिव काची ने टेलीफोन पर पीटीआई-को बताया, ‘‘पूर्व मंत्री और पीपीपी के प्रभावशाली नेता अहसान मजारी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शुरू में उनके साथ शामिल हुए और दो अपहृत हिंदू व्यापारियों को डकैतों के कब्जे से मुक्त कराया।’’
उन्होंने कहा कि दो अपहृत व्यापारियों की रिहाई के बाद, मजारी ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन खत्म करने को कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि अधिकारी अब मामले को संभालेंगे और अन्य लोगों को रिहा कराएंगे।
काची ने कहा, ‘‘लेकिन जब प्रदर्शन में शामिल लोगों ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर कोई भरोसा नहीं है तो मजारी चले गए और थोड़ी देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

लेकिन चोटों के बावजूद कुछ लोग अब भी धरना स्थल पर मौजूद हैं।’’
काची ने कहा कि डकैतों ने फिरौती के लिए अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के कई सदस्यों का भी अपहरण कर लिया है।
प्रदर्शन के आयोजकों में से एक डॉ. चांद महार ने बताया कि हाल के दिनों में डकैतों ने नौ साल के एक लड़के सहित कुल पांच हिंदुओं का अपहरण कर लिया था और कुछ दिन पहले ही सात वर्षीय एक हिंदू लड़की प्रिया कुमारी को भी संघार के पास से अगवा कर लिया गया था।
उन्होंने कहा कि डकैतों द्वारा समुदाय के सदस्यों का अपहरण करने की कई घटनाओं से समुदाय डर के साये में है और वे प्रांत के कई हिस्सों में अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं। हिंदू व्यापारी मुखी जगदीश (72) के अपहरण के बाद प्रदर्शनकारी रविवार शाम से कंधकोट शहर में एकत्र हुए थे।

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