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इमरान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शनों को लेकर करीब तीन हजार गिरफ्तार : Pakistan Police

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प के सिलसिले में अकेले पंजाब सूबे में करीब तीन हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। यह दावा पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को किया।
उसने बताया कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में सुरक्षात्मक जमानत शुक्रवार को मिल गई और पंजाब सूबे में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।
पीटीआई प्रमुख को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर में मंगलवार को अल कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था।

उनके खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक डॉ.उस्मान अनवर ने संवादाताओं को बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के सिलसिले में पूरे सूबे से करीब तीन हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से अधिकतर गिरफ्तारी सूबाई राजधानी लाहौर से की गई है।
उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने प्रदर्शन के दौरान सूबे में14 सरकारी इमारतों को क्षतिग्रस्त किया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के करीब 80 वाहनों में आग लगा दी।
अनवर ने बताया कि घटना में करीब 150 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आतंकवादी रोधी धाराओं के तहत मामला चलाया जाएगा।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मुताबिक हिंसक झड़पों में 10 लोगों की मौत हुई है जबकि पीटीआई का दावा है कि इस दौरान 40 लोगों की मौत हुई है।
पीटीआई के नेता और पूर्व संघीय मंत्री मुराद सईद ने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘कम से कम 40 पीटीआई कार्यकर्ता पूरे पाकिस्तान में झड़पों के दौरान मारे गए हैं और करीब 100 अन्य घायल हुए हैं।’’

पुलिस ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री डॉ. शीरीन माजरी, डॉ.यास्मीन राशिद, खुसरो बख्तियार और ऐजाज चौधरी सहित कई पीटीआई नेताओं को गिरफ्तार किया।
कानून प्रवर्तन एजेंसिया पहले ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व शाह महमूद कुरैशी, फव्वाद चौधरी, असद उमर, कासिम सूरी, अली मुहम्मद खान और मलिका बुखारी को गिरफ्तार कर चुकी है।
खान समर्थकों के रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय में दाखिल होने के बाद पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सेना की तैनाती की गई है।

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