पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने मुल्क के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को राजनीतिक नेताओं से मतभेद और मनमुटाव दूर करने की अपील की।
पाकिस्तान ने राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल के बीच आज़ादी की अपनी सालगिरह मनाई।
यहां कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के लिए चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और तुर्किये जैसे मित्र राष्ट्रों के प्रति आभार जताया।
उन्होंने भरोसा जताया कि पाकिस्तान चंद सालों में विकसित देश बन सकता है।
राजनीतिक नेताओं और पक्षकारों से ‘माफ करने’ के पथ पर चलने की अपील करते हुए अल्वी ने कहा, “इस मुल्क के नेताओं एकजुट होने की मैं अपील करता हूं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि तरक्की हासिल करने के लिए भाई-भतीजावाद से मुक्ति पाना, प्रतिभा को बढ़ावा देना और खासकर सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में सभी के लिए इंसाफ सुनिश्चित करना अहम है।
उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि मुल्क के 2.7 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। उन्होंने देश के समृद्ध वर्ग से आगे आकर इन बच्चों की शिक्षा का इंतजाम करने की गुजारिश की। राष्ट्रपति ने आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की बड़ी भागीदारी को भी रेखांकित किया।
आतंकवाद के बारे में उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी के खिलाफ लड़ाई में तकरीबन एक लाख लोग मारे गए हैं और आश्वस्त किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है।
अलग से, अपने एक खास संदेश में, अल्वी ने नागरिकों से समाज के वंचित तबके के कल्याण और उसके उत्थान की दिशा में काम करने की गुजारिश की।
उन्होंने कहा, “यह वक्त राष्ट्रपिता की कल्पना के मुताबिक मजबूत और अधिक समृद्ध पाकिस्तान के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का है। मैं अपने देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे हमारे समाज के वंचित वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए काम करें।”
राष्ट्रपति ने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से पार पाने के लिए राष्ट्रीय एकता की जरूरत की बात भी दोहराई।
निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने एक संदेश में कहा कि मुल्क ने कई मुश्किलों को शिकस्त दी है और कई उपलब्धियां हासिल की हैं, फिर भी पाकिस्तान की कहानी अभी अपने अंजाम तक नहीं पहुंची है।
पाकिस्तान की फौज के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने देश के संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि मुल्क जानता है कि मुश्किल से हासिल आज़ादी की रक्षा कैसे करनी है।
काकुल में रविवार देर शाम पाकिस्तान सैन्य अकादमी के आज़ादी परेड में अपने संबोधन में सेनाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र ने स्वतंत्रता, समानता और खुशी की तलाश का जश्न मनाने की इस परंपरा को बनाये रखा है, जिसे हमें संजोकर रखना चाहिए।”
जनरल मुनीर ने माना कि मुल्क ने भू-राजनीतिक टकराव से लेकर आतंरिक खतरों तक, अनगिनत चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने कहा, “मैं उन सभी को हमारे महान कायद के शब्दों में आगाह करना चाहता हूं कि धरती पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो पाकिस्तान को खत्म कर सके।
उन्होंने यह भी कहा कि फौज किसी भी कीमत पर देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार खड़ी है।
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी स्वतंत्रता दिवस के लिए पहले से रिकॉर्ड किया हुआ संदेश जारी किया और देशवासियों से गुजारिश की कि उन्हें पाकिस्तान की तरक्की के लिए कोशिश करनी चाहिए।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत संघीय राजधानी इस्लामाबाद में 31 तोपों की सलामी और प्रांतीय राजधानियों में 21 तोपों की सलामी के साथ हुई। मस्जिदों में देश की शांति, एकजुटता और समृद्धि के लिए दुआएं की गईं।
सुबह नौ बजे ध्वजारोहण समारोह की शुरुआत करने के लिए पूरे देश में सायरन की आवाज़ के साथ एक मिनट का मौन रखा गया। कराची में मज़ार-ए-कायद और लाहौर में मज़ा-ए-इकबाल में ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह आयोजित किए गए।