75 साल में पीओके में कुछ ऐसा हुआ है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। आपने पीओके में होते हुए विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरें तो खूब देखी होंगी। पीओके की जनता पाकिस्तानी सेना से बोलती हुई नजर भी आई कि हमें भारत के पास वापस जाना है। लेकिन इन सब से परे पीओके में जो कुछ हुआ उसने देश-दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। भारत ने पीओके में एक बड़ा काम कर दिया है और पहली बार पाकिस्तान ने अपनी हार के संकेत भी दे दिए हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सरकार के रवैये में एक बड़ा बदलाव आया है।
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) विधानसभा में पीओके और जम्मू कश्मीर के बीच करतारपुर की तरह का गलियारा खोलने की मांग वाले प्रस्ताव को पारित करने के संबंध में तथ्यों की जांच करेगा। पाकिस्तानी मीडिया ने इस बात की जानकारी दी है। पाकिस्तान के कठपुतली और पीओके के कथित प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास खान ने कहा कि एक प्रस्ताव को अपनाने के संबंध में तथ्यों का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की गई है। इससे पहले भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने शारदा पीठ के लिए कश्मीर और पीओके के बीच गलियारा खोलने की बात कही थी।
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पीओके असेंबली ने पास किया प्रस्ताव
भारत में मोदी सरकार के आने के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की असेंबली के रवैये में बदलाव आया है। इसी के चलते उसने शारदा पीठ समेत 37 मंदिरों के पुनर्निमाण का भी फैसला लिया है। हालांकि, इस पर अब पाकिस्तान का क्या रवैया रहेगा यह देखना बाकी है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार इससे पहले लाहौर स्थित जैन मंदिर का पुनर्निर्माण करवा चुकी है।