Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan ने Iran पर हमला करने का दावा किया, Afghanistan ने पाक का मजाक उड़ाते हुए कहा- Banana Republic को हर तरफ से लात पड़ रही है
पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया है कि उसने ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया है। हम आपको बता दें कि ईरान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी आतंकी संगठन को निशाना बनाकर किये गये मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान ने पलटवार का दावा किया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के इस कदम से दोनों देशों के बीच स्थिति और बिगड़ सकती है। देखा जाये तो इस समय पाकिस्तान कई ओर से घिर गया है। एक ओर ईरान उसे मार रहा है तो दूसरी ओर अफगान तालिबान ने उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। इसलिए अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पाकिस्तान का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि बनाना रिपब्लिक हर तरफ से लात खा रहा है। इस बीच, चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान को मुश्किल में फंसा देख सभी पक्षों से शांति बरतने की अपील की है। मगर ईरान के तेवर देखकर लग नहीं रहा कि वह शांत बैठेगा। ईरान ने तय कर लिया है कि वह पाकिस्तान में बैठ कर उसके लिए मुश्किलें पैदा कर रहे आतंकवादियों को खत्म करके रहेगा।
हमले से पहले पाक-ईरान में हुई थी बात
हम आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान की ओर से ईरान पर हमले का दावा ऐसे वक्त किया गया है जब एक दिन पहले ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के अपने समकक्ष से कहा था कि तेहरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार रात एक बयान जारी करके कहा कि जिलानी ने ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और कहा कि 16 जनवरी को ईरान की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर किया गया हमला न केवल इस्लामाबाद की संप्रभुता का बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का भी गंभीर उल्लंघन है। साथ ही पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भी प्रतिकूल है। विदेश मंत्री ने साथ ही कहा था कि पाकिस्तान के पास इस उकसावे वाले कृत्य की जवाबी प्रतिक्रिया का अधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए साझा खतरा है और इस खतरे से निपटने के लिए ठोस और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। जिलानी ने कहा कि एकतरफा कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है। जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष से कहा, ‘‘क्षेत्र के किसी भी देश को यह खतरनाक रुख नहीं अपनाना चाहिए।’’
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ईरान की प्रतिक्रिया
वहीं ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि हमने सिर्फ आतंकवादियों को निशाना बनाकर हमला किया था ना कि हमारे निशाने पर पाकिस्तानी नागरिक थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की धरती पर ईरानी आतंकवादी पनाह पाये हुए हैं और वहां से ईरान विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं जोकि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ईरान की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले इराक और पाकिस्तान के क्षेत्रों में सक्रिय आतंकवादियों को हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं, लेकिन हम किसी को ईरान की सुरक्षा से समझौता नहीं करने देंगे। हम आपको बता दें कि ईरान ने बार-बार कहा है कि आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं।
भारत की प्रतिक्रिया
जहां तक ईरानी कार्रवाई पर भारत की प्रतिक्रिया की बात है तो आपको यह भी बता दें कि भारत ने कहा है कि वह देशों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है और इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवाद के प्रति ‘‘कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की नीति’’ से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने दोहराया, ‘‘यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है।’’ प्रवक्ता ने पाकिस्तान में ईरानी मिसाइल हमले पर मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘जहां तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारी अब तक ‘‘कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की नीति’’ रही है। देश अपनी रक्षा के लिए जो कार्रवाई करते हैं, उसे हम समझते हैं।’’
पाकिस्तान का दावा
जहां तक पाकिस्तान की ओर से ईरान पर किये गये हमले की बात है तो आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान ने अत्यधिक समन्वित और विशेष रूप से लक्षित सटीक सैन्य हमलों की एक श्रृंखला शुरू की है और ‘मार्ग बार सरमाचर’ नाम के खुफिया ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादियों को मार गिराया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि हमने समय-समय पर ईरान को बताया है कि उसकी भूमि पर पाकिस्तानी मूल के आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मिली हुई है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि हमने इस संबंध में डोजियर भी दिये हैं लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बयान में कहा गया है कि हमारी कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है। बयान में कहा गया है कि इस अत्यधिक जटिल ऑपरेशन का सफल क्रियान्वयन पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की कुशलता का भी प्रमाण है। विदेश कार्यालय ने कहा है कि “पाकिस्तान अपने लोगों की सुरक्षा और संरक्षा को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।” पाकिस्तान ने कहा है कि वह ईरान के इस्लामी गणराज्य की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरी तरह से सम्मान करता है लेकिन हमारे हमले का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान की अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता।
अफगानिस्तान ने उड़ाया मजाक
वहीं दूसरी ओर पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति की बात करें तो आपको बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ईरान के हमले को ‘महान और साहसी कदम’ करार दिया है। सालेह ने परमाणु शक्ति होने के बावजूद “हर तरफ से लात खाने” के लिए पाकिस्तान का मजाक उड़ाया। उन्होंने पूर्व पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ अपनी “प्रसिद्ध मुलाकात” और अपनी “बनाना रिपब्लिक” टिप्पणी को याद किया।
ईरान ने दिखाई आंखें
इस बीच ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा अष्टियानी ने कहा है कि ईरानी लोगों के अधिकारों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर निश्चित रूप से प्रतिक्रिया मिलेगी और हम दृढ़ता से जवाब देते भी हैं। उन्होंने कहा कि जब हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात आती है तो हम किसी सीमा को नहीं मानते हैं। ईरान की मिसाइल क्षमताओं पर बोलते हुए उन्होंने 2000 किलोमीटर से कम दूरी की रेंज वाली विभिन्न मिसाइलों का खुलासा किया, जिसमें खीबर श्रेणी की मिसाइल भी शामिल है जो सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक है। यह प्रभावशाली रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं के साथ 1,500 किलोग्राम वजनी हथियार वाली तरल-ईंधन वाली मिसाइल है। अष्टियानी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी को और उन्नत बनाने के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ वैश्विक मिसाइल शक्ति के रूप में ईरान की स्थिति को भी रेखांकित किया।