इस्लामाबाद। भारत-पाकिस्तान विवाद आज का नहीं बल्कि 70 साल पुराना हैं। भारत में नये-नये प्रधानमंत्री बने फिर चाहें वह मनमोहन सिंह हो या भी नरेंद्र मोदी हर किसी ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास किया। यहां तक कि जब नरेंद्र ंमोदी ने 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी तब उन्होंने पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के प्रधान को आमंत्रित किया था। यह साफ संकेत था भारत की नयी सरकार का कि वह अपने संबंधों को सबके साथ मधुर रखना चाहती हैं लेकिन पाकिस्तान ने बदले में भारत को पठान कोट, उरी और पुलवामा जैसे आतंकी हमले दिये। हमारे जवानों का किर काटा… ऐसी तमाम हरकतें कि जिससे भारत और पाकिस्तान के संबंध कभी न ठीक हो। अब इसी पाकिस्तान के राष्ट्रपति दुनिया के सामने यह चेताने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत पाकिस्तान के साथ अपने संबंध ठीक नहीं करना चाहता।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आरोप लगाया कि भारत उनके देश के साथ सहयोग को नजरअंदाज कर ‘‘शांति नहीं स्थापित’ करने की नीति अपना रहा है।
अल्वी ने यहां ‘मार्गला संवाद’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी तरफ से समाधान निकालने की कोशिश करता रहा है लेकिन यह खेदजनक है कि भारत, पाकिस्तान के साथ मित्रता और सहयोग नहीं कर रहा है।
अल्वी ने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान के साथ कोई शांति नहीं स्थापित करने की नीति है।’’
उन्होंने कहा कि संघर्षों को रोकने की कोशिश में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति एक प्रमुख औजार हो सकती है तथा उन्होंने उभरते देशों को वीटो का अधिकार देने के विचार का विरोध किया।
भारत ने कहा है कि वह ऐसे वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है जो आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो।
आपको बता दे कि पिछले कुछ सालों में दुनिया में भारत का कद बढ़ता जा रहा हैं। विश्व के बड़े-बड़े देश भारत को किसी भी रूप में नजरअंदान नहीं कर सकते हैं। एससीओ समिट, क्वाड, ब्रिक्स, जी20 जैसे हर समूह का भारत महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस सहित यूरोपीय संघ के सभी देशों में भारत के बढ़ते कद का लोहा माना हैं। आज भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं वहीं पाकिस्तान अपने देश के आंतरिक मामलों को संभालने में ही सक्षम नहीं हैं। सरेआम नेताओं को मौत के घाट उतार दिया जाता हैं। चीन ने दोस्ती के नाम पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा जमा रखा हैं। पाकिस्तान चीन को बतौर गिफ्ट अपने देश के टुकडे दे रहा हैं। ऐसे में विश्व की उभरती नंबर एक अर्थव्यवस्था होने के बाद भी चीन भारत से पंगा लेने में डरता हैं। ऐसे में भारत के बढ़ते कद को देखकर पाकिस्तान की जलन साफ दिखाई देती हैं।