जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां आतंकवाद के खतरे को बनाये रखने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ रोधी ग्रिड अपना काम कर रही है।
यहां जश्न-ए-दल उत्सव का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों सेकहा कि नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते का दोनों पक्षों द्वारा ‘‘बड़े पैमाने पर’’ सम्मान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि, आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के कुछ प्रयास किए गए हैं।
डीजीपी ने कहा, ‘‘संघर्ष विराम समझौते का दोनों ओर से सम्मान किया जा रहा है, लेकिन कुछ गतिविधियों के बीच, घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं, खासकर राजौरी-पुंछ सेक्टर और कुपवाड़ा सेक्टर में। हमने घुसपैठ करने वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की है।’’
सिंह ने कहा कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की संख्या बहुत कम रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा इस तरह की गतिविधियों के जरिये समाप्त होते आतंकवाद के खतरे को बनाये रखने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड सतर्क है और वे अपना काम कर रहे हैं।’’
डीजीपी ने कहा, ‘‘इससे पहले भी इस तरह की करीब छह कोशिशों को नाकाम किया जा चुका है। पुंछ-राजौरी क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशें सफल भी रही जिनमें पाकिस्तान से खूंखार आतंकवादी आये और उन्होंने कुछ स्थानों पर आम लोगों और कुछ सुरक्षाकर्मियों को भी निशाना बनाया। उनका पता लगाने और इस तरह की साजिशों को नाकाम करने के लिए अभियान जारी है।’’
शुक्रवार को पुंछ और कुपवाड़ा में अभियान को लेकर सिंह ने कहा कि घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कल, कुपवाड़ा में पुंछ और जुमागुंड क्षेत्र में घुसपैठ की दो कोशिशें हुईं, जहां पाकिस्तान से घुसपैठियों ने आने की कोशिश की।
पुंछ में, उन्हें घुसने का मौका नहीं मिला और उनके प्रयास को विफल कर दिया गया और वे पीछे हटने को मजबूर हो गये। हमने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया, जो आतंकवादी अपने साथ लाए थे। कुपवाड़ा में पाकिस्तान से आए पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया है।’’
डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने दुश्मन के नापाक मंसूबों को देखा है और शांति और विकास का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कश्मीर और जम्मू के युवाओं को भी बधाई देता हूं। उन्होंने आखिरकार हमारे विरोधी के नापाक मंसूबों को समझ लिया है और उन्होंने मौत और तबाही के बजाय शांति के रास्ते को चुना है। मुश्किल से ही कोई व्यक्ति आतंकवादी समूहों में शामिल हो रहा है।’’
अमरनाथ यात्रा को लेकर सिंह ने कहा कि एक जुलाई से शुरू होने वाली तीर्थयात्रा के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों की ओर से, हम यात्रियों का स्वागत करते हैं। हर साल की तरह, नागरिक प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था और अन्य रसद की व्यवस्था की जा रही है।