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Pakistani बिजनेस लीडर्स भारत से चाहते हैं दोस्ती, शहबाज को दी क्या सलाह, पूरा हॉल तालियों की आवाज से गूंज उठा

भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का अनुरोध द्विपक्षीय संबंधों के पांच साल तक गहरे ठंडे रहने के बाद आया है। 2019 के पुलवामा हमले के बाद संबंधों में गिरावट देखी गई और इससे पाकिस्तान के हितों को काफी नुकसान पहुंचा है। यह तब भी है जब पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सहायता से जीवित है। सिर्फ पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय ही नहीं, वित्त मंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री समेत उसके शीर्ष राजनेता भी भारत के साथ दोस्ती के दरवाजे खोलने की मांग कर रहे हैं।

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पाकिस्तानी बिजनेस लीडर भारत के साथ दोस्ती क्यों चाहते हैं?
पाकिस्तानी व्यापारिक समुदाय को लगता है कि भारत के साथ हाथ मिलाना पाकिस्तान के लिए फायदेमंद होगा और अंततः पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। व्यवसायी और शेयर बाजार व्यापारी हबीब ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप दो और हाथ मिलाएं। एक हमारे पड़ोसियों के साथ जिसमें भारत भी शामिल है। दूसरा अडियाला जेल के एक ‘निवासी’ के साथ हाथ मिलाएं और वहां चीजों को सुधारें। अडियाला जेल का संदर्भ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से था। रिफ हबीब ने भारत से हाथ मिलाने का आग्रह किया तो उनके पीछे खड़े एक सज्जन ने सहमति में सिर हिलाया, कॉन्फ्रेंस हॉल तालियों की आवाज से गूंज उठा।

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आला अधिकारियों की भी यही चाह
पाकिस्तानी बिजनेस लीडर्स की तरफ से ऐसा बयान भारत के साथ पाकिस्तान के तनावपूर्ण वाणिज्यिक और राजनयिक संबंधों की पृष्ठभूमि में आया है। पुलवामा हमले और भारत द्वारा 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए। वर्तमान में  पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। ऐसे वक्त में संबंधों को आसान बनाने की बातचीत को एक स्वागत योग्य बदलाव के रूप में देखा जा सकता है। हालाँकि, यह सिर्फ व्यापारिक समुदाय नहीं है जो भारत के साथ मेल-मिलाप चाहता है। इस्लामाबाद और लाहौर के आला अधिकारियों ने भी यही आग्रह किया है।

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