मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच यहां भारतीय दूतावास के सामने राज्य के ‘जो’ जातीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रमुख संगठन ने शांति रैली आयोजित की। रैली में शामिल लोगों ने मणिपुर के जातीय हिंसा प्रभावित समुदाय के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
पिछले सप्ताह वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने ‘जोमी इनकुआन यूएसए’ द्वारा आयोजित रैली में प्रतिभागियों ने मणिपुर के जोमी-कुकी लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। संगठन ने एक बयान में यह जानकारी दी।
मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
यह हिंसा तब शुरू हुई जब बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था।
बयान में आरोप लगाया गया कि हिंसा ने मणिपुर के निवासियों को काफी पीड़ा दी है और राज्य सरकार की कार्रवाइयों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक जोमी-कुकी जनजातियों के खिलाफ, ने क्षेत्र में बहुत दर्द और विभाजन पैदा किया है।
बयान में कहा गया है कि रैली में अमेरिका में जोमी समुदाय के सदस्यों और अन्य समर्थकों ने भाग लिया। रैली का उद्देश्य मणिपुर में संघर्ष के स्थायी समाधान की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालना था।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिनमें जो समुदाय के लोगों की दुर्दशा और मणिपुर में एक अलग प्रशासन के लिए उनकी गंभीर अपील को दर्शाने वाले संदेश थे।
जोमी इनकुआन के कार्यकारी निदेशक डॉ. हौजाचिन सुआंते ने अपने संबोधन में कहा, “हमारी जमीन, हमारे अधिकार, हमारी आजीदी – ये सिर्फ नारे नहीं बल्कि हमारे संघर्ष की धड़कन हैं। मणिपुर में जारी हिंसा ने हमारे लोगों को भारी पीड़ा पहुंचाई है।”
सुआंते ने कहा कि जो जनजाति के लिए अलग प्रशासनिक इकाई “न केवल हमारी मांग है बल्कि बेहतर भविष्य के लिए हमारी आशा भी है”।
जोमी इनकुआन यूएसए की स्थापना 1995 में की गई थी और यह जोमी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख संगठन है, जिसके सदस्य पूरे अमेरिका में फैले हुए हैं।