सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल में जारी संघर्ष के बीच लोगों का मिस्र के साथ लगी सूडान की उत्तरी सीमाओं से निकलने का सिलसिला जारी है।
मंगलवार को राजधानी खार्तूम में विस्फोट और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं।
कई सूडानी नागरिक और विदेशी नागरिक देश के मुख्य बंदरगाह पोर्ट सूडान पहुंचे और उन हजारों लोगों में शामिल हो गये जो हिंसाग्रस्त देश से बाहर निकलने के लिए कई दिनों से प्रतीक्षा कर रहे हैं। अन्य लोगों को खचाखच भरी बसों और ट्रकों से सूडान के उत्तरी पड़ोसी देश मिस्र में ले जाया गया है।
खार्तूम निवासी अब्दुल्ला अल-फतह ने कहा, ‘‘राजधानी के ज्यादातर क्षेत्र खाली हो गये हैं। हमारी गली के सभी निवासी यहां से चले गये हैं।’’
निवासियों का कहना है कि खार्तूम में लड़ाई तीसरे सप्ताह भी जारी है। उन्होंने कहा कि रिहायशी इलाकों में भीषण झड़पें हो रही हैं।
जनरल अब्देल फतह बुरहान नीत सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दागलो नीत अर्द्धसैनिक बल के बीच 15 अप्रैल से संघर्ष जारी है।
पोर्ट सूडान विदेशी सरकारों के लिए अपने नागरिकों को हवाई और समुद्र मार्ग से निकालने का केंद्र बन गया है।
सूडानी विश्वविद्यालय के एक छात्र यूसुफ अब्देल-रहमान ने अपने परिवार के साथ सोमवार देर रात मिस्र में प्रवेश किया।
रहमान ने बताया कि उनका परिवार सप्ताहांत में सबसे पहले अरकिन क्रॉसिंग पर गया। उन्होंने बताया कि वहां बहुत भीड़भाड़ थी और वे सीमा शुल्क क्षेत्र तक नहीं पहुंच सके।
उन्होंने बताया कि उन्होंने तब अशकित क्रॉसिंग पर जाने का फैसला किया और वहां से वे मिस्र में जा पाये।
उन्होंने फोन से बताया, ‘‘अरकिन में बहुत खराब स्थिति है। महिलाएं, बच्चे और मरीज बिना भोजन, पानी के रेगिस्तान में फंसे हुए हैं।’’
कई सूडानी लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि सशस्त्र लोगों ने उनके घरों पर धावा बोल दिया और लूटपाट की।
सूडान से हजारों लोग पहले ही मिस्र, चाड, दक्षिण सूडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और इथियोपिया सहित पड़ोसी देशों में भाग चुके हैं।
सूडान में संघर्ष के दौरान कम से कम 3,34,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के प्रवक्ता पॉल डिलोन ने जिनेवा में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सीमाओं पर लोगों की बहुत भीड़भाड़ देख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि 900 से एक हजार लोग प्रतिदिन इथियोपिया की सीमा पर पहुंचते हैं, जहां ‘‘भोजन, आश्रय, पानी, चिकित्सा सुविधाओं की बहुत कमी है।’’
उन्होंने कहा कि कम से कम 20,000 लोग चाड पहुंचे। चाड की सीमाएं जेनेना के दारफुर शहर से लगी है, जहां पिछले सप्ताह हुई झड़पों में कई लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं।
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा कि सूडान से निकलने वाले लोगों की संख्या आठ लाख को पार कर सकती है।
उन्होंने सोमवार को ट्विटर पर कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन अगर हिंसा नहीं रुकी तो हम और लोगों को सूडान से पलायन करते देखेंगे।’’
निवासियों ने बताया कि मंगलवार तड़के राजधानी के कई हिस्सों में विस्फोटों और गोलियों की आवाजें सुनाई दीं। उन्होंने बताया कि सेना के मुख्यालय, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और खार्तूम में रिपब्लिकन पैलेस के आसपास भयंकर झड़पें हुईं।
सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल ने रविवार को कहा था कि वे मानवीय संघर्ष-विराम अगले 72 घंटे के लिए बढ़ाएंगे।
सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक नागरिकों और लड़ाकों सहित लगभग 530 लोग मारे गये हैं, जबकि 4,500 अन्य घायल हुए हैं।