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दक्षिण सूडान के तेल संपन्न क्षेत्र अबेई में संघर्ष में 52 लोगों की मौत : अधिकारी

सूडान और दक्षिण सूडान दोनों के दावे वाले तेल समृद्ध क्षेत्र अबेई में बंदूकधारियों ने ग्रामीणों पर हमला किया, जिसमें एक संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सहित कम से कम 52 लोग मारे गए और 64 घायल हो गए।

क्षेत्र के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अबेई के सूचना मंत्री बुलिस कोच ने अबेई से टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि शनिवार शाम को हुए हमले का मकसद तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ, लेकिन इसके भूमि विवाद से जुड़े होने का संदेह है।

क्षेत्र में घातक जातीय हिंसा की घटनाएं आम रही हैं, जहां पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक डिंका जनजाति समुदाय का सीमा पर स्थित अनीत क्षेत्र को लेकर अबेई के नगोक डिंका के साथ भूमि विवाद है।

कोच ने कहा कि शनिवार की हिंसा में हमलावर नुएर जनजाति के हथियारबंद युवक थे जो पिछले साल अपने क्षेत्रों में आई बाढ़ के कारण वार्रप राज्य में चले गए थे।
अबेई में तैनात संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (यूएनआईएसएफए) ने एक बयान में हिंसा की निंदा की जिसमें शांतिरक्षक की मौत हो गई।

यूएनआईएफएसए ने पुष्टि की कि न्यिंकुआक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में अंतर-सांप्रदायिक झड़पें हुईं जिससे लोग हताहत हुए और नागरिकों को यूएनआईएसएफए के केंद्रों पर पहुंचाया गया।

बयान में कहा गया है, ‘‘अगोक में यूएनआईएसएफए बेस पर एक सशस्त्र समूह ने हमला किया। मिशन ने हमले को विफल कर दिया लेकिन दुखद रूप से घाना का एक शांतिरक्षक मारा गया।’’

वर्ष 2005 के शांति समझौते के बाद से उत्तर और दक्षिण सूडान के बीच दशकों से जारी गृह युद्ध समाप्त होने के बाद से अबेई क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर सूडान और दक्षिण सूडान में विवाद है। सूडान और दक्षिण सूडान, दोनों अबेई पर स्वामित्व का दावा करते हैं।

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