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Peru: विद्रोह भड़काने का आरोप में अपदस्थ राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को हिरासत में रखने का आदेश

लीमा। पेरू के उच्चतम न्यायालय ने देश के अपदस्थ राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो की अपील खारिज करते हुए उन्हें हिरासत में रखने का आदेश सुनाया है।
कैस्टिलो के खिलाफ विद्रोह भड़काने का आरोप है।
पेरू के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सीजर सैन मार्टिन कास्त्रो का यह फैसला देशभर में हिंसक विरोध को और भड़का सकता है, क्योंकि लोग कैस्टिलो की रिहाई, उनके बाद नियुक्त राष्ट्रपति के इस्तीफे और नए राष्ट्रपति को चुनने तथा कांग्रेस के सभी सदस्यों को बदलने के लिए तत्काल आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

न्यायाधीश ने कहा कि बुधवार को राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित कैस्टिलो की यह घोषणा कि उन्होंने राष्ट्रपति के आदेश से संसद को भंग किया था, ‘‘महज एक बयान नहीं है बल्कि यह संवैधानिक व्यवस्था को बदलने की उनकी ठोस मंशा को जाहिर करता है।’’
अभियोजक कैस्टिलो को तीन साल तक लगातार हिरासत में रखने का अनुरोध कर सकते हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि सबूतों से पता चलता है कि कैस्टिलो को तब रोका गया, जब उन्होंने शरण लेने के लिए मैक्सिको के दूतावास पहुंचने की कोशिश की थी।

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महाभियोग वोट से पहले जब उन्होंने कांग्रेस को भंग करने का प्रयास किया तो सांसदों ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया, जिसके तुरंत बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इससे पहले, पेरू की राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे ने देश में चुनाव कराने की प्रदर्शनकारियों की मांग मानने की सोमवार को घोषणा की थी। कैस्टिलो को राष्ट्रपति पद से हटाने के बाद उपराष्ट्रपति के रूप में सेवाएं दे रहीं बोलुआर्टे को देश का नया राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था। हालांकि उनकी नियुक्ति के विरोध में लोग सड़क पर उतर आए थे।

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