प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को उजागर करने के लिए अरबी में कुछ वाक्य बोले। अबू धाबी में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम के दौरान भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बोले जाने वाले कई शब्दों का भाषा से संबंध है। मोदी ने अरबी में बोलते हुए कहा कि भारत और यूएई बेहतर नियति लिख रहे हैं। भारत और यूएई के बीच दोस्ती हमारी साझा संपत्ति है और वास्तव में हम एक उज्ज्वल भविष्य की शानदार शुरुआत कर रहे हैं।
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अरबी वाक्य में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों को याद करते हुए मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये आमतौर पर भारत में भी उपयोग किए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया ये शब्द भारत तक कैसे पहुंचे? वे खाड़ी से यहां पहुंचे। हमारे दोनों देशों के बीच संबंध सदियों पुराना है, सैकड़ों हजारों वर्षों तक फैला हुआ है। अहलान मोदी कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधान मंत्री ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात को प्रगति में भागीदार के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी सभी क्षेत्रों में मजबूत हो रही है और नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। यह भारत की इच्छा है कि हमारी साझेदारी हर दिन मजबूत होती रहे। भारत और यूएई प्रगति में भागीदार हैं। हमारा रिश्ता प्रतिभा, नवाचार और संस्कृति का है।
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भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अरबी में बोले अपने वाक्यों पर ही अरब के मुसलमानों से माफी मांगी। पीएम ने कहा हमारे बोलने में कुछ गलती हो सकती है, इसके लिए मैं अरब के मुसलमानों से माफी मांगता हूं। प्रधानमंत्री ने 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की अपनी पहली यात्रा को भी याद करते हुए कहा कि वह उस समय केंद्र सरकार में नए थे और यह तीन दशकों में किसी भी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली संयुक्त अरब अमीरात यात्रा थी। मोदी ने कहा कि तब से दस साल में यह यूएई की मेरी सातवीं यात्रा है। उन्होंने कहा कि मैं आपमें से प्रत्येक का बहुत आभारी हूं।