जापान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में छात्र वहां फंसे हुए थे उनके लौटने को लेकर और वहां जो प्रयास किए गए थे उसकी तारीफ की। उसके साथ ही यूक्रेन के दर्द की चर्चा कर हर मुमकिन प्रयास का भरोसा भी दिया। इसके अलावा निजी तौर पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भरोसा दिया कि वो स्वयं भी अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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यूक्रेन के नागरिकों की वेदना को भलि-भांति समझ पाता हूं
पीएम मोदी की एक और विदेश मंत्री एस जयशंकर तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बैठे नजर आए। पीएम मोदी ने साफ कहा कि मैं इसे राजनीति और अर्थव्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता। मेरे लिए ये मानवता का मुद्दा है। मानवीय मूल्यों का मामला है। पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध की पीड़ा क्या होती है ये आप हम सब से ज्यादा जानते हैं। लेकिन पिछले साल जब हमारे बच्चे यूक्रेन से वापस आए तब उन्होंने परिस्थितियों का जो वर्णन किया। उसमें मैं आपकी वेदना और यूक्रेन के नागरिकों की वेदना को भलि-भांति समझ पाता हूं।
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पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इसके समाधान के लिए भारत और निजी रूप से मैं स्वयं भी, हमसे जो कुछ भी हो सकता है वो हम अवश्य करेंगे। भारत लगातार शांति की बात करता रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने आज भी यही बात दोहराई है।
कई बार हस्तक्षेप की अपील कर चुका है यूक्रेन
पिछले साल अप्रैल महीने में रूस ने विशेष सैन्य अभियान का नाम देते हुए यूक्रेन पर हमला कर दिया था। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की ये पहली मुलाकात है। रूस के साथ जंग की शुरुआत के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर युद्ध रुकवाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी। अगर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ बिल बनर्स की माने तो ये पीएम मोदी ही थे जिनकी वजह से परमाणु युद्ध टल गया। सीआईए चीफ ने कहा भी था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का रूस के फैसलों पर असर रहा है।
पुतिन से मोदी की दो टूक- ये युद्ध का दौर नहीं
उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने पीएम मोदी के रूस को दिए गए बयान की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है।
भारत का रोल क्यों बन जाता है इतना अहम
पश्चिमी देशों के बीच तनाव का जो वक्त है वो किसी भी लिहाज से भारत के लिए भी ठीक नहीं है। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बाद भारत भी सारी स्थिति पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। ये संकट के समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है। भारत की स्थिति संवेदनशील है। भारत कोई भी कदम उठाता है तो उसके खुद के हित भी प्रभावित हो सकते हैं। अगर रूस की आलोचना करता है तो भारत पुराने, जांचे-परखे मित्र को अलग-थलग कर देगा। ऐसी स्थिति में रूस चीन के और करीब जाएगा। अगर भारत रूस का खुलकर समर्थन करता है तो अमेरिका से रिश्ते प्रभावित होंगे। अगर भारत कुछ भी नहीं कहता है तो रूस और अमेरिका दोनों को नाराज़ कर सकता है।