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Pakistan के कब्जे से छूटा POK, भारत करेगा क्या बड़ा खेल

उच्च मुद्रास्फीति, भारी कराधान, बिजली की कमी और भारत के साथ विलय की मांग को लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की सड़कों पर उतर आए। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में शनिवार को झड़प के हिंसक हो जाने से रोजमर्रा की गतिविधियां और कारोबार रुका रहा। पीओके के कई हिस्सों जैसे समाहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरट्टा, तत्तापानी और हट्टियन बाला में बंद का आह्वान किया जा रहा था। पाकिस्तानी रेंजर्स और स्थानीय पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पैलेट्स और हवा में गोलियां चलाई गईं। लेकिन हमले में दो की मौत हो गई है। पाकिस्तान दैनिक डॉन के अनुसार, इस्लामगढ़ शहर में सीने में गोली लगने से एक सब-इंस्पेक्टर की मौत हो गई, जहां वह मुजफ्फराबाद के लिए एक रैली को रोकने के लिए अन्य पुलिस कर्मियों के साथ तैनात थे।

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देश की सरकार को क्षेत्र में बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित करने पड़े।  प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि अप्रत्याशित विरोध और इसकी संवेदनशीलता से चिंतित प्रधानमंत्री शरीफ ने विशेष बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक, स्थानीय मंत्री और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व ने भाग लिया। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शरीफ ने पीओके के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए 23 अरब रुपये के तत्काल अनुदान को मंजूरी दी। बयान में कहा गया है कि बैठक में संघीय मंत्रियों और गठबंधन दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया, बैठक में स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई।

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राष्ट्रपति ने वर्तमान स्थिति पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने पुलिस अधिकारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर दुख जताया और झड़पों में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पुंछ-कोटली रोड पर एक मजिस्ट्रेट की कार समेत कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में बाजार, व्यापार केंद्र, कार्यालय, स्कूल और रेस्तरां बंद रहे। पीओके के विभिन्न स्थानों में हिंसा होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुजफ्फराबाद में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया। एक दिन पहले ही सरकार ने क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी थीं।

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