पोप फ्रांसिस ने रविवार को हंगरी से अपील की कि वह अपने दरवाजे दूसरों के लिये खोले। उन्होंने अपने सप्ताहांत दौरे के आखिरी दिन यूरोप और हंगरी से प्रवासियों और गरीबों का स्वागत करने तथा यूक्रेन में रूस युद्ध समाप्त करने की अपील की।
फ्रांसिस ने हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के कोसुथ लाजोस चौक पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुये यह अपील की। जहां इस सभा का आयोजन किया गया था वह स्थान हंगरी की संसद के निकट है और इसके पीछे प्रसिद्ध चेन ब्रिज स्थित है।
इस दौरान फ्रांसिस की तीन दिवसीय यात्राओं को दिखाया गया जिसमें प्रवासियों की दुर्दशा और पड़ोसी यूक्रेन में युद्ध के लिए वेटिकन की चिंताओं को प्रमुखता दी गई थी।
स्थानीय आयोजकों के हवाले से वैटिकन ने कहा कि इस मास में करीब 50 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, उनमें से 30 हजार से अधिक लोग चौक पर मौजूद थे।
उनमें हंगरी के राष्ट्रपति केटालिन नोवाक और दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान भी शामिल थे। यूक्रेन के लिये उनके बेहद ठंडे समर्थन ने यूरोपीय संघ के अन्य सदस्यों को नाराज कर दिया है।
फ्रांसिस ने यूक्रेन के शरणार्थियों के हालिया स्वागत के लिए हंगरी की सराहना की। लेकिन उन्होंने ओरबान की कट्टर आव्रजन निरोधक नीतियों पर सवाल उठाया। इन नीतियों में 2015-2016 में लोगों को प्रवेश करने से रोकने के लिए सर्बिया से लगने वाली सीमा पर बाड़ का निर्माण शामिल है।
यहां आने पर फ्रांसिस ने हंगरी और यूरोप से युद्ध, गरीबी और जलवायु परिवर्तन की मार से भाग रहे लोगों का स्वागत करने का आग्रह किया और उनके लिये सुरक्षित और कानूनी गलियारों का आह्वान किया।
फ्रांसिस ने कहा, ‘‘बंद दरवाजे देखना कितना दुखद और दर्दनाक है। कृपया, आईये हम इन दरवाजों को खोलें।’’
मास की समाप्ति पर अपनी अंतिम प्रार्थना में फ्रांसिस ने यूक्रेन में शांति के लिये कामना की।