इसे अजब मुल्क की गजब कहानी ही कहा जाएगा। जहां सरकार इमरान को गिरफ्तार करती है तो सेना पर हमला होता है। कोर्ट इमरान को जमानत दे दे तो सुप्रीम कोर्ट पर हमला और चुनाव टल जाए तो चुनाव आयोग पर हमला। अदालत परिसर से पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा शीशा तोड़कर फिर धक्का देते हुए एक पूर्व प्रधानमंत्री को जबरन वैन में बिठाकर ले जाने की तस्वीर तो पूरी दुनिया ने देखी। जिसके बाद हिंसा की आग में विभिन्न शहरों को झुलसते हुए भी देखा। लेकिन इमरान खान पर हुई कार्रवाई को मुल्क की सबसे बड़ी अदालत ने अवैध करार देते हुए पीटीआई चीफ को बड़ी राहत दे दी। जिसके बाद से ही पाकिस्तान की तख्त पर बैठे हुक्मरान के निशाने पर सुप्रीम कोर्ट भी आ गई।
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अब पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को हटाने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। सीजेपी के खिलाफ रेफरेंस लाने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। यानी इमरान को जमानत देना अब अदालत के जज को भी भारी पड़ सकता है। वैसे भी देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुलकर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर चुके हैं। शहबाज ने बीते दिनों कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इमरान खान की दीवार बनकर खड़ा है। एक मुलजिम अदालत के कटघरे में आए और जज उसे देखकर कहे कि आपसे मिलकर अच्छा लगा। ये सुनकर हैरानी होती है।