राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को अभूतपूर्व आर्थिक संकट की वजह से ‘मुश्किल दौर’का सामना कर रहे श्रीलंका के लोगों से समृद्ध देश का निर्माण करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
नकदी संकट से गुजर रहे देश के वित्तमंत्री की भी जिम्मेदारी निभा रहे विक्रमसिंघे ने ‘वेसाक पोया दिवस’ के अवसर पर कहा कि सदा के लिए प्रासंगिक महात्मा बुद्ध के दर्शन संतुष्टि का स्रोत हैं।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में महात्मा बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण को ‘वेसाक पोया दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। महात्मा बुद्ध के जीवन की ये तीनों घटनाएं वैशाख माह की पूर्णिमा को हुई थीं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में लोगों से आह्वान किया कि इस ‘मुश्किल समय’ में वे अपने मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट हों।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय जब देश अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, सदा के लिए प्रासंगिक बुद्ध के दर्शन ढांढस बंधाते हैं।’’
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘इसलिए, इस संकट के समय में, सभी मतभेदों से ऊपर उठकर और बुद्ध द्वारा प्रतिपादित एकता और सेवा के संदेश को अंगीकार करना अनिवार्य है, ताकि सामान्य जीवन जीने में आने वाले संकटों से निपटा जा सके।’’
‘न्यूजफर्स्टपोर्टल’ द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, विक्रमसिंघे ने ‘वेसाक पोया दिवस’ के अवसर पर राष्ट्रपति के विशेषाधिकार का प्रयोग कर 988 कैदियों को क्षमदान दिया, जो मामूली अपराधों में कैद थे।
सरकारी अखबार ‘डेली न्यूज’ के मुताबिक,कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारत की समृद्ध बौद्ध विरासत को लेकर एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की है।
‘वेसाक महोत्सव’ के तहत आयोजित इस विशेष प्रदर्शनी को विक्रमसिंघे ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले के साथ देखा। इस मौके पर श्रीलंका के कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। इस उत्सव को संयुक्त रूप से राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और गंगरम्या मंदिर ने बुधवार को आयोजित किया था।