पिछले साल ही नाटकीय घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले शहबाज शरीफ के बाद अब पाकिस्तान को नया पीएम मिल सकता है। पाकिसतान में प्रधानमंत्री के बदले जाने की वजह राजनीतिक उथल पुथल नहीं, बल्कि देश में होने वाले आम चुनाव हैं। 9 अगस्त को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए राष्ट्रपति को औपचारिक सलाह भेजेंगे। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, विघटन को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रपति को 48 घंटों के भीतर सलाह पर हस्ताक्षर करना होगा। जिसके बाद कार्यवाहक पीएम को सत्ता सौंप दी जाएगी और चुनाव करवाए जाएंगे।
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शहबाज शरीफ का क्या होगा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने गुरुवार को 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने की घोषणा की है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक अगर संसग अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग हो जाती है तो चुनाव 90 दिनों के भीतर होने चाहिए। नेशनल असेंबली भंग होने के बाद शहबाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। इसके बाद उनका अगला मिशन आम चुनाव जीतना होगा। यही वजह है कि वो पद छोड़ते ही चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे। जेल जाने के बाद भी जिस तरह से इमरान खान की लोकप्रियता बढ़ रही है, उसकी काट ढूंढ़ना ही शहबाज का सबसे बड़ा सिरदर्द होने वाला है।
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हालांकि, इस बात की भी आशंका बढ़ गई है कि पाकिस्तानी सरकार इस साल होने वाले आम चुनाव में देरी कर सकती है। कानून मंत्री का दावा है कि वोट के लिए नई जनगणना की जरूरत है लेकिन जेल की सजा भुगत रहे इमरान खान के समर्थकों का मानना है कि उनकी लोकप्रियता एक कारक है। इस साल के अंत में होने वाले आम चुनाव में देरी हो सकती है क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि वोट नई जनगणना पूरी होने और नए निर्वाचन क्षेत्र की सीमाएं तय होने के बाद ही हो सकते हैं। देश के कानून मंत्री की ओर से यह घोषणा कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में चार महीने लग सकते हैं, उसी दिन आई जब पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को एक अदालत द्वारा तोशाखाना मामले में तीन साल की सजा सुनाई है।