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यरुशलम । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार स्वीकार किया कि सितंबर में हिज्बुल्ला को निशाना बनाकर किए गए पेजर और वॉकी-टॉकी हमलों के पीछे उनका देश था, जिनमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गयी तथा 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। स्थानीय मीडिया में आयी खबरों में यह जानकारी दी गयी है। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ अखबार ने नेतन्याहू के हवाले से कहा, ‘‘रक्षा प्रतिष्ठान में वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक क्षेत्र में उनके समर्थकों के विरोध के बावजूद पेजर और हिज्बुल्ला नेता हसन नसरल्ला को खत्म करने का अभियान चलाया गया।’’
हिब्रू मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, नेतन्याहू ने रविवार की साप्ताहिक मंत्रिमंडल बैठक के दौरान ये टिप्पणियां कीं। इजराइल ने अभी तक सार्वजनिक रूप से इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली थी लेकिन व्यापक अनुमान था कि सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए इन जटिल हमलों के पीछे उसका हाथ है। इन हमलों ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया था। लेबनान तथा सीरिया के कुछ हिस्सों में 16 सितंबर को विस्फोटक वाले हजारों पेजर फट गए थे जो हिज्बुल्ला के समर्थकों के पास थे।
दुनियाभर के लोग पेजर विस्फोट की खबरों से उबर भी नहीं पाए थे कि एक दिन बाद 17 सितंबर को वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट हुए, जिसने लेबनानी शिया मिलिशिया के खिलाफ युद्ध में इजराइल की खुफिया तैयारी के स्तर को लेकर दुनिया को चौंका दिया। नेतन्याहू के बयान को रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को हटाने तथा युद्ध की सफलता का श्रेय लेकर व्यक्तिगत लोकप्रियता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के संदर्भ में समझा जा रहा है। गैलेंट को पांच नवंबर को रक्षा मंत्री के पद से हटा दिया गया था।