दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने राष्ट्रपति यूं सुक येओल पर तीन दिसंबर को थोड़े समय के लिए मार्शल लॉ लगाकर विद्रोह का नेतृत्व करने का आरोप लगाया। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता हान मिन-सू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभियोजन पक्ष ने यूं सुक येओल को दोषी ठहराने का फैसला किया है। अभियोग की रिपोर्ट दक्षिण कोरियाई मीडिया द्वारा भी की गई थी। भ्रष्टाचार विरोधी जांचकर्ताओं ने यून पर आरोप लगाने की सिफारिश की थी, जिस पर संसद द्वारा महाभियोग चलाया गया था। इस घटना को लेकर उन्हें उनके पद से भी हाथ धोना पड़ा था। यून के वकीलों ने अभियोजकों से इसे अवैध हिरासत बताते हुए तुरंत रिहा करने का आग्रह किया हैं।
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यूं सुक येओल आपराधिक जांच के तहत, वह 15 जनवरी को गिरफ्तार होने वाले पहले मौजूदा राष्ट्रपति बन गए हैं। विद्रोह उन कुछ आपराधिक आरोपों में से एक है जिनसे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को छूट नहीं है। इसके लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है, हालाँकि दक्षिण कोरिया ने दशकों से किसी को भी फाँसी नहीं दी है। यून और उनके वकीलों ने पिछले सप्ताह संवैधानिक न्यायालय में महाभियोग की सुनवाई के दौरान दलील दी कि उनका कभी भी पूरी तरह से मार्शल लॉ लागू करने का इरादा नहीं था, बल्कि उनका इरादा केवल राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक चेतावनी मात्र देना था।
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आपराधिक प्रक्रिया के समानांतर, शीर्ष अदालत यह तय करेगी कि यून को पद से हटाया जाए या उसकी राष्ट्रपति शक्तियों को बहाल किया जाए। अभियोजन पक्ष को इस पर फैसला करने के लिए 180 दिन लगेंगे। दक्षिण कोरिया की विपक्ष के नेतृत्व वाली संसद ने 14 दिसंबर को यून पर महाभियोग चलाया, जिससे वह देश में महाभियोग लाने वाले दूसरे रूढ़िवादी राष्ट्रपति बन गए। यून ने लगभग छह घंटे तक मार्शल लॉ लगाने के बाद विपक्ष के विद्रोह की वजह से इसे रद्द कर दिया था।