अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की हाल में जारी फाइल से पता चला है कि वहां के सुरक्षा अधिकारी पूर्व महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अमेरिकी दौरे के दौरान चरमपंथी संगठन आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) के खतरों के बारे में चिंतित थे। मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली।
अमेरिका के पूर्वी तट पर 1989 की यात्रा से पहले बोस्टन और न्यूयॉर्क में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के अधिकारियों को ‘‘किसी भी खतरे के लिए सतर्क’’ रहने की चेतावनी देने वाला एक कार्यालय पत्र उन 102 पन्नों के रिकॉर्ड में शामिल है, जिसे महारानी के निधन के बाद जारी किया गया।
पिछले साल सितंबर में 96 वर्ष की आयु में ब्रिटेन की महारानी का निधन हो गया।
अन्य विवरणों में आईआरए से सहानुभूति रखने वाले एक शख्स की धमकी के बारे में पुलिस को मिली सूचना शामिल है जो अपनी बेटी की मौत का बदला लेना चाहता था।
‘स्काई न्यूज’ के अनुसार, सूचना देने वाले अधिकारी ने दावा किया कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनकी पत्नी नैन्सी रीगन द्वारा 1983 में महारानी और उनके पति प्रिंस फिलिप की मेजबानी करने से एक महीने पहले उन्हें एक शख्स का फोन आया। कार्यालय पत्र के अनुसार, उस व्यक्ति ने कहा कि उसकी बेटी उत्तरी आयरलैंड में रबड़ की गोलियां लगने से मारी गई थी।
गोपनीय दस्तावेज में कहा गया, ‘‘उस व्यक्ति ने यह भी दावा किया कि वह महारानी एलिजाबेथ को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। उसने कहा कि वह रॉयल नौका ब्रिटानिया के गोल्डन गेट ब्रिज के नीचे से गुजरने के दौरान महारानी पर कोई वस्तु गिराएगा या फिर तब महारानी एलिजाबेथ को मारने का प्रयास करेगा जब वह योसेमाइट नेशनल पार्क का दौरा करेंगी।’’
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद सूचना की स्वतंत्रता के तहत मिले अनुरोध के बाद दिवंगत महारानी के जीवन के लिए खतरों से संबंधित रिकॉर्ड जारी किए गए।