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लंदन । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से ब्रिटेन की तीन दिवसीय यात्रा पर होंगे। उनकी इस यात्रा को रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत तथा ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 22 वर्षों के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली ब्रिटेन यात्रा होगी। जून 2022 में राजनाथ सिंह की ब्रिटेन की पूर्व नियोजित यात्रा को भारतीय पक्ष ने प्रोटोकॉल कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था। इसलिए सोमवार से शुरू होने वाली इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है।
इस दौरान राजनाथ ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण करेंगे तथा लंदन में स्थित महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक भी जाएंगे। रक्षा मंत्री सिंह के ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने की उम्मीद है। लंदन स्थित विचार समूह ‘इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ (आईआईएसएस) में दक्षिण और मध्य एशियाई देशों के रक्षा, रणनीति और कूटनीतिक मामलों के वरिष्ठ फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह की यह यात्रा रणनीतिक और सामरिक दोनों ही दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बीते 22 वर्षों के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली ब्रिटेन यात्रा होगी। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने 22 जनवरी 2002 को ब्रिटेन की यात्रा की थी।’’ रॉय-चौधरी के अनुसार, राजनाथ सिंह की प्रस्तावित यात्रा ब्रिटेन के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों में सुधार का संकेत देती है। इसके अलावा पिछले साल सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तों में विकसित होती आपसी विश्वास की भावना का भी पता चलता है। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक रूप से राजनाथ की यह यात्रा ब्रिटेन के साथ सैन्य सहयोग और रक्षा औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में सार्थक प्रयास करेगी।’’ नवंबर 2023 में दोनों देशों के बीच सचिव स्तर पर दिल्ली में रक्षा सलाहकार समूह (डीसीजी) की बैठक हुई थी।
इसके अलावा अक्टूबर 2023 में संयुक्त सचिवों के स्तर पर भारत और ब्रिटेन के बीच 2+2 विदेश और रक्षा वार्ता की पहलीबैठक हुई थी। रॉय-चौधरी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन अब भारत के शीर्ष पांच रणनीतिक साझेदारों में से एक नहीं है। हालांकि, रोल्स-रॉयस के साथ एयरो-इंजन पर चल रही परियोजनाओं की आपूर्ति के माध्यम से एक मजबूत भारत-ब्रिटेन रक्षा तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी की शुरुआत हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रमुख हथियार निर्माण स्थलों में से एक का दौरा करने की भी संभावना है।’’
भारतीय रक्षा मंत्री की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक हिंसा को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा भारत को ब्रिटेन की रक्षा आपूर्ति पर कुछ विवादास्पद ऐतिहासिक मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि मंत्री स्तर पर बातचीत के इस अवसर के साथ, रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत एजेंडे के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।