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नाइजर में विद्रोही सैनिकों ने फ्रांस के साथ सैन्य संबंध समाप्त किये

नाइजर की सैन्य सरकार का कहना है कि उसने अपने पूर्व औपनिवेशिक शासक फ्रांस के साथ सैन्य संबंध समाप्त कर दिये है और पिछली सरकार के कुछ प्रमुख राजदूतों को हटा दिया है।
सैन्य सरकार ने कहा है कि पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र के नागरिकों को विदेशी सेनाओं और जासूसों से सावधान रहने की चेतावनी दी गई है।
राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को रिहा करने और या संभावित बल का सामना करने के लिए पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक द्वारा दी गई समय सीमा में दो दिन और बचे है।
नाइजर में तख्तापलट की पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की है। कई पश्चिमी देश अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादियों से लड़ने के प्रयासों में नाइजर को अपने आखिरी विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखते हैं।

सैन्य सरकार के शीर्ष निकाय जुंटा ने घोषणा की है कि वह फ्रांस के साथ हस्ताक्षरित सैन्य समझौतों को समाप्त कर रहा है और उसने फ्रांस, अमेरिका, टोगो और पड़ोसी नाइजीरिया में नाइजर के राजदूतों को हटाने की भी घोषणा की।तख्तापलट करने वाले नेताओं के प्रवक्ता कर्नल मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने कहा, ‘‘नाइजर के खिलाफ किसी भी हमले का तत्काल और बिना किसी चेतावनी के जवाब दिया जायेगा।’’
बजौम ने वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक लेख में कहा कि तख्तापलट से पहले नाइजर की सुरक्षा स्थिति में सुधार हो रहा था लेकिन अब यह खतरे में है क्योंकि नाइजर विदेशी भागीदारों से सहायता खो देगा और चरमपंथी समूह देश में व्याप्त अस्थिरता का फायदा उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे एक बंधक के रूप में लिख रहा हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘संकट की इस घड़ी में, मैं अमेरिकी सरकार और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमारी संवैधानिक व्यवस्था को बहाल करने में मदद करने का आह्वान करता हूं।’’


फ्रांस के नाइजर में 1,500 सैनिक हैं जो उसकी सेना के साथ संयुक्त अभियान चलाते हैं और अमेरिका एवं अन्य यूरोपीय देशों ने नाइजर के सैनिकों को प्रशिक्षित करने में मदद की है।
देश के नए सैन्य शासक जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने पड़ोसी देशों को उनके देश में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी और देशवासियों से राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार रहने की अपील की।
पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएस) ने नजरबंद अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को रिहा करके छह अगस्त तक बहाल नहीं किए जाने की स्थिति में बल प्रयोग करने की भी धमकी दी है।

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