रेड क्रॉस संस्था के प्रमुख जगन कैपागेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीरिया में पिछले सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप में विस्थापित हुए लोगों के यदि जल्द ही स्थायी आवास प्रदान नहीं किया गया तो देश में खतरनाक बीमारियों का प्रकोप फैल सकता है।
‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस’ और ‘रेड क्रिसेंट सोसाइटीज’ के महासचिव कैपागेन ने कहा कि बिना गर्माहट के प्रबंध के अस्थायी आश्रयों रह रहे परिवारों को तत्काल स्थायी आवास की जरूरत है।
उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “वे अभी भी बहुत ही ठंडे स्कूली कमरों में बहुत ही बुनियादी परिस्थितियों में रह रहे हैं। अगर लंबे समय तक यह सब चलता रहा तो स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है।”
सीरिया के हलब शहर से लौटने के बाद उन्होंने कहा कि वर्षों से देश में भीषण गृह युद्ध जारी है।
उन्होंने कहा कि हलब में 2022 के अंत में हैजा को प्रकोप फैला। आवास, जल, ईंधन और अन्य बुनियादी ढांचा सुविधाओं पर भूकंप के प्रभाव से एक और प्रकोप की “आशंका” पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि गृह युद्ध ने जहां उनकी कमर तोड़ी तो वहीं इस भूकंप ने उनकी आत्मा को झकझोर कर रख दिया।”
तुर्की और सीरिया में कुछ दिन पहले आए 7.8 तीव्रता के घातक भूकंप ने सीरिया के विभिन्न हिस्सों को तहस-नहस कर दिया। इनमें विद्रोहियों के कब्जे वाले और सरकार प्रशासित हिस्से शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक सीरिया में भूकंप के कारण 3,688 लोगों की जान चली गई। सरकार के कब्जे वाले शहरों और कस्बों में लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार अगर सीरिया में उचित आश्रय और सहायता का प्रबंध नहीं किया गया, तो 53 लाख लोग बेघर हो सकते हैं।