भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद कहा कि मैं इस महीने पाकिस्तान जाने वाला हूं और ये मेरी यात्रा एससीओ मीटिंग के मद्देनजर होगी। एस जयशंकर ने साफ कर दिया कि मैं बहुपक्षीय वार्ता में हिस्सा लूंगा। भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर बात करने नहीं जा रहा। मैं एससीओ का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते वहां जा रहा हूं। अब इसको लेकर पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। जयशंकर की यात्रा और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि आधिकारिक तौर पर अधिसूचना मिल गई है” और वह सभी भाग लेने वाले सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है।
इसे भी पढ़ें: Pakistan जाकर भारत की तारीफ क्यों करने लगा जाकिर नाइक? कहा- हमारे देश में तो माफ कर देते…
बलूच ने कहा कि इस यात्रा के संबंध में आधिकारिक तौर पर सूचना मिल गई है और वह सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय बैठकों के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में, मैं आपको 5 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों का संदर्भ देना चाहूंगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है, न कि पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा करने के लिए।
इसे भी पढ़ें: S Jaishakar Pakistan Visit News: पाकिस्तान से न मुलाकात ना बात, शहबाज के लिए नहीं सुधरेंगे हालात
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। पांच अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और खराब हो गए। नयी दिल्ली द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया। भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध चाहता है, लेकिन इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।