रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैक्कार्थी को शनिवार को ऐतिहासिक 15वें चरण के मतदान में अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया जिससे देश में पिछले कुछ समय से पैदा गतिरोध खत्म हो गया।
मैक्कार्थी (57) डेमोक्रेटिक पार्टी की 82 वर्षीय नैंसी पेलोसी का स्थान लेंगे जो आठ नवंबर को हुए मध्यावधि चुनाव के बाद सदन में बहुमत खो बैठी थीं। इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने 435 सदस्यीय सदन में 222 सीट जीती थीं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी ने 212 सीट जीती थीं।
मैक्कार्थी ने 15वें चरण तक चले मतदान में 216 वोट हासिल किए जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के 52 वर्षीय हकीम सेकोउ जेफरीज को 212 वोट मिले।
रिपब्लिकन सांसद अपनी पार्टी के छह बागियों के मतदान के लिए उपस्थित होने के बाद ही बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने पर कामयाब रहे। मैक्कार्थी प्रतिनिधि सभा के 55वें अध्यक्ष होंगे।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मैक्कार्थी को बधाई दी और कहा कि यह वक्त जिम्मेदारीपूर्वक शासन करने का है।
उन्होंने मैक्कार्थी के चुनाव के तुंरत बाद एक बयान में कहा, ‘‘यह जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से शासन करने और यह सुनिश्चित करने का वक्त है कि हम अमेरिकी परिवारों के हितों को पहले रखें।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जिल बाइडन (प्रथम महिला) और मैं, सदन का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर केविन मैक्कार्थी को बधाई देते हैं। अमेरिकी लोग अपने नेताओं से इस तरीके से शासन करने की उम्मीद करते हैं जिससे किसी भी चीज से ऊपर उनकी जरूरतें रहें और हमें अभी यही करने की आवश्यकता है।’’
बाइडन ने कहा कि वह रिपब्लिकन के साथ काम करने के लिए तैयार हैं और मतदाताओं ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे रिपब्लिकन से उनके साथ काम करने के लिए तैयार रहने की उम्मीद करते हैं।
मैक्कार्थी ने प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले संबोधन में कहा कि वह सार्वजनिक ऋण के मुद्दे पर गौर करेंगे और संकल्प लिया कि सदन ‘‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उभार’’ विषय पर चर्चा करेगा।
मैक्कार्थी ने कहा, ‘‘हम अमेरिका की दीर्घकालिक चुनौतियों, ऋण और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उभार विषय पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस को इन मुद्दों पर एक स्वर में बोलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बात है, हम चीन पर एक द्विदलीय प्रवर समिति का गठन करेंगे, जो इस बात पर गौर करेगी कि चीन जाने वाली सैकड़ों-हजारों नौकरियों को कैसे वापस लाया जाए। तब हम इस आर्थिक स्पर्धा को भी जीतेंगे।’’
मैक्कार्थी ने कहा कि यह देश के भीतर एक दूसरे के बीच विश्वास बहाल करने का मौका है। उन्होंने कहा, ‘‘उस भावना से मैं किसी के भी साथ काम करूंगा, जो राष्ट्र के लिए, बेहतर भविष्य देने के लिए हमारे जुनून को साझा करता है। मुझे उम्मीद है कि आप मेरे साथ जुड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस तभी काम कर सकती है जब हम सहयोग करें।’’
बहरहाल, सीनेट में बहुसंख्यक नेता चुक शुमर ने आरोप लगाया, ‘‘अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी का ख्वाब अमेरिकी लोगों के लिए दुस्वप्न में बदल सकता है। वोट पाने के लिए उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के एक छोटे-से वर्ग की मांगों के आगे घुटने टेक दिए।’’
उल्लेखनीय है कि केविन ने विरोधियों की कई मांगों को मान लिया है जिनमें उस नियम की बहाली भी शामिल है जिसके जरिए अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए किसी भी सदस्य को मतदान कराने की अनुमति मिल जाएगी।
मैक्कार्थी इतिहास के पांचवें सबसे लंबे मुकाबले के बाद सदन के 55वें अध्यक्ष बन गए। उन्होंने 15 चरण के मतदान के बाद चुनाव जीता जिससे यह अध्यक्ष पद के लिए अब तक का सबसे लंबा चुनाव बन गया। अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबा मतदान 1855 में हुआ था जो दो महीने से अधिक समय में 133 चरण तक चला था।
मैक्कार्थी के कटु आलोचक और विरोधियों में से एक फ्लोरिडा के रिपब्लिकन सांसद मैट गैट्ज ने 14वें और 15वें चरण में उनके पक्ष में वोट देने से इनकार कर दिया।
परेशान मैक्कार्थी उनसे वोट देने की अपील करने के लिए उनके पास भी गए लेकिन गैट्ज ने फिर भी वोट नहीं दिया। मैक्कार्थी ने इसके बाद सोमवार दोपहर तक सदन स्थगित करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन फिर कुछ विरोधियों के साथ अंतिम क्षण की बातचीत के बाद उन्होंने 15वें चरण के मतदान का आग्रह किया।
पहले के 13 चरण के मतदान में मैक्कार्थी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था जब उनकी ही पार्टी के 20 सांसदों के एक समूह ने उनका विरोध किया। 12वें और 13वें चरण में ही रिपब्लिकन पार्टी के इन विरोधी सांसदों ने अपना रुख बदला।
सदन के प्रभावशाली अध्यक्ष के रूप में मैक्कार्थी राष्ट्रीय नीतियों पर निर्णयों में अहम भूमिका निभाएंगे।
मैक्कार्थी कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह पहले सदन में अल्पसंख्यक नेता रह चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन तथा उनके प्रशासन की कई जांच शुरू करने का आह्वान कर रखा है।
अमेरिका की 118वीं कांग्रेस में प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के रूप में पांच भारतीय-अमेरिकी शामिल हैं। इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी के डॉ. अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल हैं। इन सभी ने 14वें चरण के मतदान में जेफरीज को वोट दिया था।
इस बीच, जेफरीज ने कांग्रेस में किसी पार्टी का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत सांसद बनकर इतिहास रच दिया है।