भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने सांसदों से कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध 21 सदी के लिए ‘‘महत्वपूर्ण साझेदारी’’ हैं। उन्होंने सीनेट से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द नयी दिल्ली के लिए अगले राजदूत के नाम की पुष्टि की जाए।
भारत-अमेरिका संबंधों को गहरा करने के मजबूत समर्थक रहे वर्मा ने असैन्य परमाणु समझौते के कांग्रेस में पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने 2014 में भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में कामकाज संभाला था और इस पद पर कार्य करने वाले वह पहले भारतीय-अमेरिकी बने। उन्होंने 2014 से 2017 तक भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में कार्य किया।
वर्मा ने प्रबंधन एवं संसाधन विदेश उप मंत्री पद पर अपने नाम की पुष्टि के लिए सुनवाई के दौरान सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह इस शताब्दी के लिए परिभाषित करने वाली साझेदारी है। संबंध कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं और इस आधार पर एक वरिष्ठ अधिकारी जो राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व करे, के होने से एक बड़ा अंतर पैदा होता है।’’
वर्मा ने भारत के लिए अगले अमेरिकी राजदूत के नाम पर पुष्टि को लेकर सुनवाई के दौरान प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर कोई उम्मीद करता है कि जितनी जल्दी हो सके वहां किसी को रखने की जरूरत है। मैं यह भी कहूंगा कि यह टीम के लिए मनोबल का मुद्दा है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात राष्ट्रपति की प्राथमिकताओं को पूरा करना है।’’ करीब दो साल से अधिक समय से भारत में अमेरिकी राजदूत का पद खाली है।