अमेरिकी अधिकार समूह भारत के बिगड़ते मानवाधिकारों के रिकॉर्ड पर चिंताओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की आगामी राजकीय यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ वाशिंगटन से नई दिल्ली के प्रति सार्वजनिक आलोचना की उम्मीद नहीं करते हैं।
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, पीस एक्शन, वेटरन्स फॉर पीस, और बेथेस्डा अफ्रीकन सेमेट्री गठबंधन जैसे संगठन 22 जून को व्हाइट हाउस के पास इकट्ठा होने की तैयारी में हैं। विरोध करने वाले समूहों ने ‘मोदी नॉट वेलकम’ और ‘भारत को हिंदू वर्चस्व से बचाओ’ जैसे संदेशों के साथ फ़्लायर्स बनाए हैं। इसके अलावा, न्यूयॉर्क में 2019 के हाउडी मोदी की तर्ज पर हाउडी डेमोक्रेसी नामक एक कार्यक्रम की योजना बनाई है। ये वही तारीख है जब जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात होगी।
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वहीं ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल 20 जून को डॉक्यूमेंट्री की एक निजी स्क्रीनिंग आयोजित करने के लिए तैयार हैं। नीति-निर्माताओं, पत्रकारों और विश्लेषकों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। स्क्रीनिंग की घोषणा करते हुए, ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि यह एक अनुस्मारक के रूप में काम करना चाहता है कि भारत में डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। केंद्र ने यूट्यूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री के वीडियो लिंक हटाने का आदेश दिया था और विभिन्न विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को फिल्म दिखाने की अनुमति से इनकार कर दिया और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की।