अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के भारतीय मूल के सदस्य रो खन्ना ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन वाशिंगटन डीसी में स्थित अपने निजी दफ्तर और डेलावेयर स्थित घर से गोपनीय दस्तावेज़ मिलने के मामले में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और वो सब कुछ कर रहे हैं, जो प्रक्रिया के तहत जरूरी है।
गोपनीय दस्तावेज़ मिलने के मामले में बाइडन न्याय विभाग की जांच का सामना कर रहे हैं और तफ्तीश के लिए विशेष वकील को नियुक्त किया गया है।
अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने बृहस्पतिवार को न्याय विभाग के पूर्व अधिकारी रॉबर्ट हूर को जांच का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया।
खन्ना ने सीएनएन से कहा कि जैसे ही गोपनीय दस्तावेज़ मिले, बाइडन ने कानून प्रवर्तकों को इसकी सूचना दी।
उन्होंने कहा कि अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यही किया होता तो कोई मुद्दा ही नहीं बनता।
खन्ना ने कहा कि ट्रंप और बाइडन, दोनों ही व्हाइट हाउस से दस्तावेज़ लेकर गए, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था।
इस बीच, प्रतिनिधि सभा के नव नियुक्त स्पीकर केविन मैकार्थी ने रविवार को जांच के लिए विशेष वकील नियुक्त करने के फैसले को सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी का “पाखंड” करार दिया।
मैकार्थी ने अपनी नियुक्ति के बाद पहले टीवी साक्षात्कार में कहा कि यही वजह है कि अमेरिकी जनता अपनी सरकार पर यकीन नहीं करती है।
बाइडन के आवास और निजी दफ्तर से अब तक करीब 24 गोपनीय दस्तावेज़ बरामद हो चुके हैं।