रूस संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार इकाई में सीट पाने की कोशिश में नाकाम रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में मंगलवार को इस सिलसिले में मतदान हुआ था।
पिछले वर्ष यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की सदस्यता समाप्त करने के लिए महासभा में मतदान हुआ था।
बहरहाल मंगलवार के मतदान में पूर्वी यूरोपीय क्षेत्रीय समूह का प्रतिनिधित्व करने वाली दो सीटों के लिए रूस का मुकाबला अल्बानिया और बुल्गारिया से था। गोपनीय तरीके ये हुए मतदान में बुल्गारिया को 160, अल्बानिया को 123 और रूस को 83 वोट मिले।
रूस ने दावा किया कि उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है और 83 मत उसे संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यीय देशों में से आधे से भी कम देशों से प्राप्त हुए हैं, जो गौर करने वाली बात है।
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय संकट समूह के निदेशक रिचर्ड बोवान ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि रूसी इस बात से प्रसन्न होंगे कि वे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की अच्छी संख्या का समर्थन जुटाने में सफल रहे हैं और पश्चिम की लगातार आलोचनाओं के बावजूद संयुक्त राष्ट्र की प्रणाली में वे पूरी तरह से बहिष्कृत नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद अमेरिका और यूक्रेन के सहयोगी देश यह सुनिश्चित करने में सफल रहे कि दो सीटों पर अल्बानिया और बुल्गारिया जीतें। यह स्पष्ट है कि कीव के मित्रों का महासभा में बहुमत है।’’
इंडोनेशिया 186 वोटों के साथ शीर्ष पर रहा, उसके बाद कुवैत 183 वोटों के साथ दूसरे और जापान 175 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। चीन 154 वोटों के साथ आखिरी स्थान पर रहा।
महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने परिणामों की घोषणा की और 15 विजेताओं को बधाई दी। ये सदस्य एक जनवरी को मानवाधिकार परिषद में शामिल होंगे।