हर गुजरते वक्त के साथ वैश्विक परिदृश्य के घटनाक्रम डराने वाले ही नजर आ रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध को एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। वहीं ताजा हालात में एक तरफ ब्रिटेन से यूरेनियम वाले सेल्स आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ रूस से चीन यूरेनियम जा रहे हैं। पहले ब्रिटेन की तरफ से यूक्रेन को यूरेनियम युक्त गोले दिए जाने की खबर सामने आई। उसके बाद रूस की तरफ से चीन को 25 हजार किलो यूरेनियम दिए जाने की बड़ी बात सामने आई। बता दें कि यूरेनियम युक्त गोले के अटैक से रेडिएशन का खतरा बढ़ जाएगा।
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चीन को मिला 25 हजार किलो यूरेनियम
रूस ने चीन को 25 हजार किलो यूरेनियम दिए हैं। रूसी यूरेनियम से चीन सैकड़ों छोटे परमाणु बमों का निर्माण कर सकता है। इससे पहले रिपोर्ट का दावा किया गया था कि अमेरिकी इंटेलीजेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि सीएफआर-600 इस साल हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन शुरू कर देगा, जो अगले 12 सालों के लिए चीन को हथियारों के जखीरे को चार गुना तक बढ़ाने की ताकत देगा।
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ब्रिटेन ने यूक्रेन को दिए यूरेनियम युक्त गोले
पुतिन की धमकी के बाद ब्रिटेन की तरफ से सफाई भी सामने आई है। यूक्रेन को यूरोनियम वाले गोले देने के बाद पुतिन ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। अब ब्रिटेन ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि इसका एटमी वेपन से कोई लेना देना नहीं है। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि यूरेनियम का एटमी वेपन से कोई लेना देना नहीं है। हम दशकों से हथियारों में यूरेनियम का इस्तेमाल करते हैं। ब्रिटेन की तरफ से कहा गया कि यूरेनियम पर रूस जानबूझकर अफवाह फैला रहा है।
क्या हैं यूरेनियम युक्त गोले?
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने यूरेनियम युक्त गोले को बहुत ही जहरीला करार दिया है। इसके बावजूद भी ये दुनिया में कही भी बैन नहीं है। ये खास यूरेनियम परमाणु संवर्द्धन प्रक्रिया के दौरान निकलता है। ये रेडियो एक्टिव और भारी पदार्थ होता है। ताकी एंटी टैंक गोले और किसी भी भारी स्टील में आसानी से तोड़कर अंदर घुस सके। जब गोले का बारूद फटता है तो जहरीली गैस निकलती है।