Breaking News
-
भारत में सबसे ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित है। यह स्वास्थ्य समस्या तब उत्पन्न होती…
-
वैसे तो कद्दू के बीज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कई पोषक…
-
उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे पर झुर्रियां आना स्वाभाविक है। लेकिन कई बार कम…
-
शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए प्रतिदिन हेल्दी ब्रेकफस्ट जरुर करते हैं। सुबह-सुबह नाश्ते में…
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत…
-
महाराष्ट्र और झारखंड के लिए कल का दिन बेहद अहम होने वाला है। दोनों की…
-
शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने विधान परिषद में आंध्र प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक…
-
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने इससे पहले अक्टूबर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की…
-
केंद्र जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में 10,000 से अधिक सैनिकों को भेजेगा, जिससे पड़ोसी राज्य…
-
सुप्रीम कोर्ट ने उन गवाहों के बयानों तक पहुंच के पंजाब सरकार के अनुरोध को…
मॉस्को । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि जर्मनी में अमेरिका द्वारा लंबी दूरी की और हाइपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती की योजना के जवाब में रूस नये हमलावर हथियार तैनात कर सकता है। सेंट पीटर्सबर्ग में एक नौसैनिक परेड में, पुतिन ने जवाबी उपाय करने का संकल्प लिया। अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह 2026 में हथियारों की तैनाती शुरू कर देगा ताकि फरवरी 2022 में यूक्रेन में मॉस्को के चौतरफा आक्रमण के बाद, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय देशों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर सके।
पुतिन ने कहा, अगर अमेरिका ऐसी योजनाओं को लागू करता है तो हम अपने नौसेना के तटीय बलों की क्षमता बढ़ाने सहित मध्यम और कम दूरी की मिसाइल की तैनाती पर पहले से लगाए गए एकतरफा प्रतिबंध से खुद को मुक्त मानेंगे। उन्होंने कहा कि मॉस्को द्वारा उपयुक्त हथियार प्रणालियों का विकास अपने अंतिम चरण में है।
वाशिंगटन और मॉस्को दोनों ने हाल के हफ्तों में मध्यम दूरी की मिसाइल तैनात करने में तत्परता का संकेत दिया है। इसपर 1987 की अमेरिका-सोवियत संधि के तहत दशकों से प्रतिबंध लगा हुआ था। अमेरिका ने 2019 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था और मॉस्को पर मिसाइल परीक्षण करने का आरोप लगाया था, जो समझौते का उल्लंघन करता है। रूस ने इन आरोपों का खंडन किया है। पुतिन वर्षों से यूरोप में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती को मॉस्को की क्षमताओं को बाधित करने के उद्देश्य से एक आक्रामक कदम बताते रहे हैं।