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India S-400 Deal: रूस तय समय पर भारत को डिलीवर करेगा S-400 वायु रक्षा प्रणाली

इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने सोमवार को एक वरिष्ठ रूसी रक्षा निर्यात अधिकारी के हवाले से कहा कि रूस तय समय सीमा के भीतर भारत को एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम का ऑर्डर देगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है और अभी भी पारंपरिक हथियारों के लिए ज्यादातर रूसी तकनीक का उपयोग करता है, लेकिन नई दिल्ली में अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि यूक्रेन में रूस के युद्ध से हथियारों और उपकरणों की नियोजित डिलीवरी में देरी हो सकती है।

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इंटरफैक्स ने सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए रूस की संघीय सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगाएव के हवाले से कहा कि एस-400 ट्रायम्फ एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम का उत्पादन तय कार्यक्रम के अनुसार किया जा रहा है। सशस्त्र बलों के एक कार्यक्रम के दौरान की गई टिप्पणियों में उन्होंने कहा कि एस-400 ट्रायम्फ प्रणाली के उपकरणों की डिलीवरी सहमत समय सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। भारत ने 2018 में $5.4 बिलियन में S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली इकाइयाँ खरीदीं। तीन प्रणालियाँ वितरित की जा चुकी हैं और दो अभी भी प्रतीक्षित हैं।

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इंटरफैक्स के अनुसार, डिलीवरी 2024 के अंत तक पूरी होने वाली है। भारतीय वायु सेना ने मार्च में कहा था कि यूक्रेन में युद्ध के कारण रूस से महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्ति रुक ​​रही है। नई दिल्ली हाल के वर्षों में आयात में विविधता लाने या उन्हें घरेलू निर्मित हार्डवेयर से बदलने की मांग कर रही है। यह फ्रांसीसी लड़ाकू विमान, इजरायली ड्रोन और अमेरिकी जेट इंजन खरीद रहा है। लेकिन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से भारत द्वारा हथियारों के आयात पर खर्च किए गए 18.3 बिलियन डॉलर में से रूस का योगदान अभी भी 8.5 बिलियन डॉलर है।

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