संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा में इजराइल के जमीनी और हवाई हमलों के बीच फलस्तीन के आम नागरिकों की बढ़ती मुश्किलों को कम करने के लिए ‘‘तत्काल तथा विस्तारित मानवीय संघर्ष विराम’’ की मांग वाला एक प्रस्ताव अंगीकार किया है।
इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकार किया गया यह पहला प्रस्ताव है। हालांकि इजराइल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े।
अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने मतदान से दूरी बनाए रखी। इस प्रस्ताव में हमास की ओर से सात अक्टूबर को इजराइल पर अचानक किए गए हमले की निंदा नहीं किए जाने पर अमेरिका और ब्रिटेन ने इससे दूरी बनाई।
प्रस्ताव में मानवीय संघर्ष विराम और ‘‘हमास तथा अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई’’ की मांग संबंधी को नरम रखा गया है।
हालांकि माल्टा द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव उन गंभीर मतभेद को दूर करने में कामयाब रहा जिनके कारण परिषद पिछले चार प्रस्तावों को अंगीकार नहीं कर सका था।
संयुक्त राष्ट्र में माल्टा की राजदूत वैनेसा फ्रैज़ियर ने कहा, ‘‘आज हमने एक महत्वपूर्ण पहला कदम हासिल किया है। हम सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों की पीड़ा को दूर करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे।