इंडोनेशिया के अशांत पापुआ प्रांत में अलगाववादी बंदूकधारियों ने एक सैन्य चौकी पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम छह सैनिकों की मौत हो गई एवं दर्जनों अन्य लापता हैं। सेना और विद्रोहियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
फ्री पापुआ मूवमेंट की सशस्त्र शाखा वेस्ट पापुआ लिबरेशन आर्मी के हमलावरों ने शनिवार को पहाड़ी जिले नदुगा में इंडोनेशियाई सैनिकों पर हमला किया।
पापुआ के सैन्य प्रवक्ता कर्नल हरमन तरयामन ने कहा कि मुगी सेना चौकी पर मौजूद ये सैनिक इंडोनेशियाई विमानन कंपनी सूसी एयर के पायलट एवं न्यूजीलैंड के निवासी फिलिप मार्क मेहरटेन्स की बचाव दल का हिस्सा थे।
पायलट मेहरटेन्स को फरवरी में विद्रोहियों ने अपहरण कर लिया था।
उन्होंने कहा कि अधिकारी उन लगभग 30 अन्य सैनिकों की तलाश कर रहे हैं जो अभी भी हमले के बाद से लापता हैं। समझा जाता है कि लापता सैनिकों में नौ विद्रोहियों के कब्जे में हैं।
तरयामन ने कहा, यह अभी भी अज्ञात है कि वास्तव में कितने इंडोनेशियाई सैनिक मारे गए और कितने घायल हुए।
पत्रकारों के बीच प्रसारित एक इंडोनेशियाई सेना की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुगी माम गांव में चौकी पर हमले के वक्त लगभग 36 सैनिक थे जिसमें कम से कम छह सैनिक मारे गए और 21 अन्य जंगल में भाग गए।
इस रिपोर्ट के मुताबिक नौ सैनिक विद्रोहियों के कब्जे में हैं।
द एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में विद्रोही प्रवक्ता सेबी संबोम ने पुष्टि की कि उसके संगठन के लड़ाकों ने यह हमला किया। उसने कहा कि यह हमला पिछले महीने इंडोनेशियाई सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में दो विद्रोहियों की मौत का बदला था।
पापुआ को 1969 में संयुक्त राष्ट्र में प्रायोजित मतदान प्रक्रिया द्वारा इंडोनेशिया में शामिल किया गया। तब से इस क्षेत्र में छोटे-छोटे स्तर पर विद्रोह जारी है। यह क्षेत्र दो प्रांतों पापुआ और पश्चिम पापुआ में विभाजित है।
पिछले एक साल में इस क्षेत्र में विद्रोहियों के हमलों में वृद्धि हुई है।