भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान की नीति की कड़ी निंदा की। जयशंकर ने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि सीमा-पार आतंकवाद की उनकी ‘नीति’ कभी सफल नहीं होगी और उसके ‘कृत्यों के निश्चित तौर पर परिणाम मिलेंगे’। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है।’
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इसपर कड़ा प्रहार करते हुए जयशंकर ने कहा कि इस्लामाबाद के कुकृत्यों का असर अन्य देशों, खासकर पड़ोस पर भी पड़ता है। उन्होंने निंदा करते हुए कहा, ‘जब यह राजनीति अपने लोगों में इस तरह की कट्टरता पैदा करती है, तो इसकी जीडीपी को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में इसके निर्यात के संदर्भ में ही मापा जा सकता है।’
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जयशंकर ने आगे कहा, ‘आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर जो मुसीबतें लाने की कोशिशें उसने (पाकिस्तान ने) की, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। यह केवल कर्म है। उन्होंने कहा, ‘हमने कल इसी मंच पर कुछ अजीबोगरीब बातें सुनीं। इसलिए मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं। पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसके सजा से बचने की कोई उम्मीद नहीं है। इसके विपरीत, कृत्यों के निश्चित रूप से परिणाम होंगे।’ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब केवल एक ही मुद्दा सुलझाया जाना शेष है कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे और आतंकवाद के प्रति अपने दीर्घकालिक जुड़ाव को तिलांजलि दे।