Breaking News

COVID-19 से बुरी तरह से प्रभावित Singaporean-Indian बना फिल्म निर्माता

कोविड-19 महामारी की वजह से अपना रेस्तरां और बार कारोबार बंद करने पर मजबूर हुए भारतीय मूल के सिंगापुरी नागरिक अनिल गोस्वामी बॉलीवुड फिल्म निर्माता बन गए हैं और वह वर्ष 1990 के असम संघर्ष पर बनी रोमांच से भरी फिल्म के साथ दर्शकों के सामने आए हैं।
उन्होंने ‘शैडो असैसिन’ शीर्षक से फिल्म बनाई है जिसमें वर्ष 1998-2001 के बीच असम में हुई कथित ‘गुप्त हत्याओं’ पर प्रकाश डाला गया है। गोस्वामी का दावा है कि उस दौर में 1,100 से अधिक आम लोग मारे गए थे।
गोस्वामी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के चरम पर पहुंचने पर मैंने फिल्म निर्माण में हाथ आजमाने का फैसला किया क्योंकि बार और रेस्तरां का कारोबार बंद हो गया था।’’

नीलांजलन रीता दत्त द्वारा निर्देशित फिल्म बृहस्पतिवार को सिंगापुर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई।
गोस्वामी ने दत्त, राहुल कपूर और सिद्धार्थ महाजन की फिंचबिल मोशन पिक्चर के साथ फिल्म का सह निर्माण किया है।
यह कहानी नकाबपोश बंदूकधारियों पर अधारित है जो प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के समर्थक होने की आशंका पर ऐसे लोगों के घरों पर धावा बोलते थे और उन्हें उठा ले जाते थे।

उठाए गए लोगों की गोलियों से छलनी और क्षत विक्षत शव गांवों, खेतों, जंगलों, नालों और नदियों में मिलते थे। नकाबपोश बंदूकधारी कथित तौर पर उल्फा समर्थक माने जाने वाले लोगों के घरों में आग लगा देते थे।
यह फिल्म मुख्य पात्र निर्भय कलिता की कहानी है जो गुवाहाटी स्थित अपने घर को छोड़कर पुणे में करीब दो हजार किलोमीटर दूर कॉलेज परिसर में नयी जिंदगी शुरु करने के इरादे से आता है, लेकिन राज्य के राजनीतिक हालात से बच नहीं पाता।

Loading

Back
Messenger