दुनिया में इंसान की आजादी और स्वाभिमान के खिलाफ जो कुछ भी बुरा हो सकता है वो सब चीन में होता है। चीन में सरकार की नीतियों के खिलाफ एक शब्द भी बोलने का मतलब है जेल जाना या फिर हमेशा के लिए गायब हो जाना। चीन में आम लोग ही नहीं बल्कि चीनी सेना के बड़े बड़े अधिकारी भी लगातार गायब हो रहे हैं। लेकिन अब खबर आ रही है कि चीन की शी जिनपिंग की सरकार वहां के 140 करोड़ लोगों की जासूसी करती है। चीन के हर शख्स के प्राइवेट लम्हों में भी चीनी सरकार तांक झांक करती है। नागरिकों को उनके बर्ताव के आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों से उनके लिए सजा और ईनाम तय होता है। सोशल क्रे़डिट सिस्टम ने चीनी नागरिकों की जिंदगी गुलामों से भी बदतर बना दी है।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले खेल में 140 करोड़ लोग एक खुली जेल में रह रहे हैं। चीन के 140 करोड़ लोग सो कर कब उठते हैं। उठने के बाद क्या खाते हैं और क्या क्या खाते हैं। क्या पहनते हैं, घर से कब निकलते हैं। कितने बजे दफ्तर आते हैं, दफ्तर से कब जाते हैं। कितनी बार टी ब्रेक लेते हैं। कितनी बार वॉश रूम में जाते हैं। किसे फोन करते हैं। फोन में कौन कौन से ऐप इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया पर क्या लिखते हैं। प्राइवेट चैट का इस्तेमाल करते हैं। कौन किसका दोस्त कौन किसता दुश्मन। किसे कौन सी बीमारी है। जिनपिंग को लेकर क्या राय रखते हैं।
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चीन में जितने लोग हैं उनते ही जिनपिंग ने जासूस लगा रखे हैं। भारत जैसे आजाद मुल्क में ऐसा सोच पाना भी नामुमकिन हैं। लेकिन शी जिनपिंग के मुल्क में हर पल लोग निगरानी में रहते हैं। जिनपिंग की सरकार ने अपने लोगों की निगरानी करने के लिए 40 करोड़ से अधिक कैमरे लगा रखे हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से लैस हैं। ये कैमरे कपड़े और चेहरा पहचानने में सक्षम हैं। ये कैमरे किसी भी इंसान की उम्र का एकदम सटीक अंदाजा लगा सकते हैं। एआईआ से लैस ये कैमरे अपनी जद में आने वाले शख्स के बारे में ये भी बता सकते हैं कि वो मर्द है या फिर औरत। आम इंसानों की बेहद निजी जानकारियां भी सार्वजनिक करने में वहां की सरकार नहीं हिचकती है। हर वक्त आम नागरिकों की परीक्षा लेने वाले शी के इस प्रयोग का नाम सोशल क्रेडिट सिस्टम है। जिसके तहत नागरिकों के बर्ताव के आधार पर सरकार उन्हें नंबर देगी।