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सोलोमन द्वीप के नेता ने चीन के साथ सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने की आलोचना पर किया पलटवार

सोलोमन द्वीप के नेता ने सोमवार को चीन के साथ अपने देश के व्यापक सुरक्षा संबंधों की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रधान मंत्री मनासहे सोगावरे ने चीन की यात्रा से लौटने के बाद राजधानी होनियारा में एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। उन्होंने यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी।
सोगावरे ने कहा कि चीन में रहते हुए उन्होंने पुलिस सहयोग योजना सहित नौ समझौतों और ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने कहा कि यह योजना प्रशांत महासागरीय राष्ट्र में पुलिस कानून लागू करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए “आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने की चीन की प्रतिबद्धता के साथ कानून प्रवर्तन और सुरक्षा मामलों पर सहयोग को बढ़ाती है”।

नए समझौते सोलोमन द्वीप समूह द्वारा पिछले साल चीन के साथ एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद किए गए हैं, जिससे क्षेत्र में सैन्य जमावड़े की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने सोलोमन द्वीप में दूतावास खोलने सहित अपने राजनयिक कदमों के जरिये जवाबी कार्रवाई की है।
सोलोमन द्वीप समूह ने 2019 में स्व-शासित द्वीप ताइवान से बीजिंग के प्रति निष्ठा बदल ली, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के समय से अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंधों को खतरा पैदा हो गया।
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने नई पुलिस योजना की गोपनीयता को लेकर चिंता जताई है।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते जकार्ता में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात के दौरान इस योजना के बारे में पूछा था।

संवाददाता सम्मेलन में सोगावारे ने पुलिस योजना की आलोचना करके अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया पर पड़ोसियों जैसा व्यवहार नहीं करने का आरोप लगाया।
सोगावरे ने कहा, “यह सोलोमन द्वीप के आंतरिक मामलों में विदेशी राष्ट्रों के हस्तक्षेप के अलावा और कुछ नहीं है।”
उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को सोलोमन द्वीप पर चीन के पुलिस सहयोग से डरना नहीं चाहिए।

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